प्रधानमंत्री मनमोहन सिह ने आज उन राज्यों से अपने कामकाज में सुधार लाने को कहा जो राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन के मामले में पीछे चल रहे हैं. साथ ही उन्होंने इस योजना के तहत शिकायतों के निपटारे के लिए प्रत्येक जिले में लोकपाल जैसी संस्था स्थापित करने का भी प्रस्ताव किया.
अभी तय करना है लंबा सफर
प्रधानमंत्री ने यहां राज्यों के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि इस अनूठे कानून की पूरी क्षमता हासिल करने के लिए हमें अभी लंबा सफर तय करना है. देश भर के राज्यों में इस योजना के कामकाज में असमानता है. कुछ राज्यों ने अच्छे परिणाम दिखायें हैं. कुछ राज्य पीछे चल रहे हैं. मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे इसमें गति लायें. उन्होंने कहा कि यद्यपि इस योजना के जरिये हमने काफी सफलता हासिल की है लेकिन सिर्फ इस वजह से हमें संतुष्ट नहीं हो जाना चाहिये.
निगरानी इकाई बनाई गई है
प्रधानमंत्री ने कहा कि नरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में संबंधित मंत्रालय के साथ मिलकर एक निगरानी इकाई गठित की गई है. इस निगरानी प्रक्रिया के तहत ज्यादा से ज्यादा संभव आंकड़ों को मंत्रालय की वेबसाइट पर डाला जायेगा, ताकि जमीनी स्तर पर कामगार इस योजना का स्वतंत्र ढंग से आकलन कर सकें. उन्होंने साथ ही कहा कि हमने इस योजना के तहत शिकायतों के निपटारे के लिए प्रत्येक जिले में लोकपाल जैसी संस्था स्थापित करने का प्रस्ताव किया है.
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना का पुर्नगठन
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाई गयी राज्यों के ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के मंत्रियों की इस एक दिवसीय बैठक को केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सी पी जोशी ने भी संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने राज्यों एवं केन्द्र शासित क्षेत्रों के मंत्रियों से कहा कि सरकार ने गांवों में गरीबी को दूर करने के लिए स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना को पुर्नगठित करने और इसे राष्ट्रीय ग्रामीण लाइवलीहूड मिशन के रूप में तब्दील करने का फैसला किया है.{mospagebreak}
ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास पर जोर
उन्होंने कहा कि यह मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी रेखा के नीचे जीवन व्यतीत करने वाले लोगों को जीवन यापन का कारगर साधन मुहैया करा कर समयबद्ध तरीके से गरीबी दूर करने के लिए बहु आयामी रणनीति का इस्तेमाल करेगा. उन्होंने साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में हुनर और कौशल विकास पर भी जोर दिया और कहा कि कौशल विकास और प्रशिक्षण के क्षेत्र में निवेश एक अन्य महतवपूर्ण क्षेत्र है और मिशन को कौशल विकास की दिशा में कदम बढाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा कि नरेगा की डिजाइनिंग और इसके लिए योजना बनाने साथ ही इसके क्रियान्वयन एवं निगरानी के मामले में पंचायती राज संस्थाओं के कौशल को विकसति करने के लिए व्यापक अभियान चलाने की जरूरत है.
क्रियान्वयन में एकरूपता के अभाव पर चिंता
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि जहां कहीं भी स्थानीय निकाय सक्रिय हैं और अच्छे ढंग से काम कर रहे हैं और समर्पित लोग उसे चला रहे हैं, वहां योजना का लाभ काफी अच्छे ढंग से लोगों तक पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे राज्यों में जहां पंचायतें सक्रिय नहीं हैं या पर्याप्त ढंग से शक्तिसंपन्न नहीं हैं, उन राज्यों को इनबातों को सुनिश्चित करने के लिए आगे कदम बढाना चाहिए. इस मौके पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सी पी जोशी ने नरेगा के क्रियान्वयन में एकरूपता के अभाव पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अब तक तकरीबन 14 फीसदी परिवारों को ही इस योजना के तहत सौ दिन का रोजगार मिला है.
पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में वांछित परिणाम नहीं
उन्होंने स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन का जिक्र करते हुए कहा कि दक्षिण के मुकाबले उत्तरी और पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में इस योजना का वांछित परिणाम नहीं निकला है. हालांकि इन राज्यों में बीपीएल, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के परिवारों की दक्षिणी राज्यों के मुकाबले कहीं तादाद ज्यादा है.