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पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

खैरा ने फजिलका की अदालत के आदेश को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि उसके खिलाफ जारी किए गए गैर जमानती वारंट राजनीति से प्रेरित थे क्योंकि मामला दो साल पुराना है और इस मामले में मुख्य अभियुक्त को दोषी करार दिया जा चुका है.

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सुखपाल सिंह खैरा
सुखपाल सिंह खैरा

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पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को पंजाब में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैरा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. खैरा के खिलाफ फजिलका की एक अदालत ने नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़े एक मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे. अदालत ने गिरफ्तारी पर रोक खैरा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई. इस मामले की अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी.

खैरा ने फजिलका की अदालत के आदेश को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि उसके खिलाफ जारी किए गए गैर जमानती वारंट राजनीति से प्रेरित थे क्योंकि मामला दो साल पुराना है और इस मामले में मुख्य अभियुक्त को दोषी करार दिया जा चुका है.

बता दें कि फजिलका पुलिस द्वारा साल 2015 के दौरान दर्ज किए गए नशीले पदार्थों के एक मामले में खैरा का नाम सामने आया था. फजिलका की अदालत ने खैरा, उनके पीए और सुरक्षाकर्मी को 30 नवंबर को अदालत में पेश होने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए थे जिस से आम आदमी पार्टी में खलबली मच गई थी.

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खैरा का आरोप आम आदमी पार्टी के नेता भी षड्यंत्र में हैं शामिल

अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगने के बाद सुखपाल सिंह खैरा ने अपनी ही पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए कहा की आम आदमी पार्टी के ही कुछ नेता उसके खिलाफ रचे जा रहे षड्यंत्र में शामिल हैं. उन्होंने आरोप लगाया और कहा की उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला राजनीति से प्रेरित है.

'न मेरे खिलाफ कोई मामला दर्ज किया गया था, न मेरा नाम चार्जशीट में था और न ही किसी गवाह ने मेरा नाम लिया. अब जब दोषी को सजा हो चुकी है तो मुझे जबरन इस मामले में फंसाने की कोशिश की गई है. मुझे दुख है की जिस झूठे मामले में मुझे घसीटने की कोशिश की गई है उसमें मेरी ही पार्टी के कुछ नेता भी शामिल हैं. मुझे अदालत पर पूरा भरोसा है कि वह षड्यंत्र रचने वाले लोगों को बेनकाब करेगी.

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