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औरंगजेब के बाद अब अकबर की बारी, चलेगी फेयरी क्वीन

रेलवे 161 साल पुराने स्टीम इंजन फेयरी क्वीन को एक बार फिर से अलवर और दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन के बीच चलाने की तैयारी कर चुका है. 2012 में फेयरी क्वीन में आई खराबी के बाद इसको पटरियों से हटा लिया गया था.

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फेयरी क्वीन
फेयरी क्वीन

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दिल्ली और अलवर के बीच अक्टूबर से चलने वाले स्टीम इंजन अकबर को इस बार ट्रैक पर नहीं उतारा जाएगा. अकबर की जगह इस बार दुनिया के सबसे पुराने वर्किंग स्टीम इंजन फेयरी क्वीन को सफदरजंग रेलवे स्टेशन से अलवर के बीच चलाने की तैयारी कर ली गई है.

गिनीज बुक में वर्ल्ड रिकॉर्ड
1855 में इंग्लैंड में बनाए गए भाप इंजन फेयरी क्वीन ने भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी के बाद से तमाम उतार-चढ़ाव देखें हैं. गिनीज बुक में वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर फेयरी क्वीन ने सबसे पुराने वर्किंग इंजन के तौर पर अपना नाम दर्ज करा रखा है.

161 साल पुराना स्टीम इंजन
दरअसल रेलवे 161 साल पुराने स्टीम इंजन फेयरी क्वीन को एक बार फिर से अलवर और दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन के बीच चलाने की तैयारी कर चुका है. 2012 में फेयरी क्वीन में आई खराबी के बाद इसको पटरियों से हटा लिया गया था और इसकी जगह आजादी के बाद बने अकबर स्टीम इंजन को हेरिटेज ट्रेन को चलाने में लगा दिया गया.

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बदला गया पुराना बॉयलर
फेयरी क्वीन को चेन्नई में पेरंबदूर बनने के लिए भेजा गया, लेकिन इसके पुराने बॉयलर को हटाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ. फिर इस इंजन को दोबारा दिल्ली भेजा गया और फोरमैन गनपत ने अपने हाथों से बीते 12 अगस्त को इसके बॉयलर को बदलने का काम किया. इसके बाद इस इंजन को रेवाड़ी वर्कशॉप में टेस्ट किया गया. इस समय की बात करें तो ये इंजन बेहतरीन तरीके से ट्रैक पर दौड़ रहा है.

महीने में दो बार चलेगी ट्रेन
फेयरी क्वीन चालू टूरिस्ट सीजन में अलवर ले जाने के लिए तैयार है. इस ट्रेन के जरिए अलवर जाने वाले लोगों को नए बफर जोन में जंगल सफारी का मजा भी मिलेगा. इस बार अच्छी बारिश के चलते सिलीसेढ़ सहित अन्य झील व बांधों में भी पानी है. सरिस्का नेशनल पार्क में भी हरियाली है और पानी पर्याप्त मात्रा में है. ऐसे में फेयरी क्वीन टूरिस्टों के आनंद को दोगुना कर देगी. यह ट्रेन दिल्ली कैंट से अलवर तक पर्यटकों को लेकर आती है. एक माह में दो बार ट्रेन का संचालन होता है.

3 साल पहले हटाया गया था
वर्ष 1998 से पटरी पर दौड़ रहे फेयरी क्वीन इंजन को करीब तीन साल पहले रेलवे ने बार-बार रास्ते में खराब होने के कारण हटा दिया था. बाद में ट्रेन का नाम बदलकर स्टीम एक्सप्रेस कर दिया गया था. ट्रेन को अंतिम सीजन तक स्टीम इंजन अकबर के माध्यम से चलाया गया था. अब फिर से फेयरी क्वीन इंजन के साथ ट्रेन को अलवर से दिल्ली के बीच संचालित करने की तैयारी है. अब फेयरी क्वीन को सिर्फ और सिर्फ रेल बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार है.

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