रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने दोबारा दुश्मन को चेतावनी दी है. पर्रिकर ने फिर किसी मुल्क का नाम लिए बिना कहा कि 'देश की सहने की क्षमता अब खत्म हो गई है. कुछ ना कुछ जरूर करेंगे.' पर्रिकर ने इसके बाद खुफिया एजेंसियों के साथ बैठक भी की.
इससे पहले पर्रिकर ने कहा था कि दुश्मन को वैसे ही दर्द का अहसास कराना जरूरी होता है. इसके लिए जगह और वक्त हम खुद तय करेंगे. इसके साथ ही पर्रिकर ने कहा कि सावधानी बरती जा रही है, ताकि हमारे जवान आईएसआई के जाल में न फंसें.
Sehne ki kshamta jo desh ki thi vo ab khatam ho gyi hai,kuch na kuch zarur karenge-Defence Minister Manohar Parrikar pic.twitter.com/wHpPutpjJX
— ANI (@ANI_news) January 16, 2016
ऐसे ही जाल में फंस गए थे रंजीत
वायुसेना के अधिकारी केके रंजीत फेसबुक के जरिए दामिनी नाम की एक महिला को एयरफोर्स के बारे में अहम जानकारी दे दी थी. उस महिला ने खुद को एक मैगजीन की रिपोर्टर बताया था. वह पाकिस्तान में बैठकर यह सब कर रही थी. इसके बाद रंजीत को सस्पेंड कर गिरफ्तार कर लिया गया था.
निचले स्तर तक ही सीमित हैं ऐसे मामले
ऐसे मामलों को लेकर पर्रिकर ने कहा कि इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए सभी प्रकार की सावधानियां बरती जा रही हैं. ये मामले अभी निचले स्तर तक ही सीमित हैं. पर्रिकर ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि जासूसी जैसी चीजें उच्च स्तर पर होती हैं. कुछ चीजें सामने आई हैं लेकिन वे निचले स्तर पर हैं.' जब हम सतर्क होते हैं तो लालच देकर जाल में फंसने जैसी चीजें आम तौर पर नहीं हो पाती.'
अब भर्ती और ट्रेनिंग के समय ही ध्यान
पर्रिकर ने बताया कि जवान ऐसे किसी जाल में न फंसें, इसके लिए भर्ती और ट्रेनिंग के समय ही ध्यान रखते हैं. जवानों के सोशल नेटवसाइटों का इस्तेमाल करने को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश और आचार संहिता भी है.