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व्यापम घोटाले की जांच कर रही STF की कार्यवाही निष्पक्ष नहीं: दिग्विजय सिंह

व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ की कार्यवाही को पूरी तरह लचर बताते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह जांच केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके परिवार और उनके निकटस्थ अधिकारियों को बचाने के लिए की जा रही है.

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दिग्वि‍जय सिंह
दिग्वि‍जय सिंह

व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ की कार्यवाही को पूरी तरह लचर बताते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह जांच केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनके परिवार और उनके निकटस्थ अधिकारियों को बचाने के लिए की जा रही है.

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सिंह ने शनिवार को व्यापम घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ जांच पर निगरानी के लिये उच्च न्यायालय द्वारा गठित एसआईटी के समक्ष अपनी ओर से दस्तावेज सौंपने के बाद कहा कि एसटीएफ द्वारा की जा रही जांच केवल मुख्यमंत्री, उनके परिजन, प्रभावशाली राजनीतिज्ञों एवं अधिकारियों केा बचाने के लिए की जा रही है.

उन्होंने कहा कि इस मामले में जिस प्रकार जांच की जा रही है उससे किसी भी दोषी को सजा नहीं मिल सकती है और इसीलिये मैने इस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराये जाने की मांग की थी. उन्होने कहा कि जिस अधिकारी की गोपनीय रिपोर्ट मुख्यमंत्री लिखता हो, वह अधिकारी कैसे अपने मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच कर सकता है.

सिंह ने एसटीएफ पर इस मामले में बरामद किये गये दस्तावेजों एवं हार्ड डिस्क के साथ छेडछाड किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनमें से प्रभावशाली लोगों के नाम हटाये गए हैं. उन्होंने कहा कि जांच में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को 17 बार नाम आया है, लेकिन आज तक उनसे पूछताछ नहीं की जा सकी है.

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कांग्रेस महासचिव ने एसटीएफ को चुनौती देते हुए कहा कि आईटी एक्ट के तहत किसी मामले में जब्त दस्तावेजों के साथ हेरफेर या छेडछाड़ करना भी एक अपराध माना गया है और ऐसा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है और उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है. सिंह ने कहा कि इस मामले में निर्दोष बच्चों को जेल में ठूंस दिया गया, जबकि हजारों करोड के इस घोटाले के दलाल और दोषी अधिकारी खुले आम घूम रहे हैं. उन्होने कहा कि यदि उनका शासन होता तो इन बच्चों को सरकारी गवाह बनाया जाता और दलाल एवं अधिकारी जेल में बंद होते.

एसटीएफ की कार्यवाही पर सवाल खडे करते हुए सिंह ने कहा कि इस मामले में संचालक नितिन महेन्द्रा तथा अन्य के पास से बरामद की गई हार्ड डिस्कों को केन्द्र सरकार द्वारा अनुमोदित सेंट्रल फारेंसिक लैब हैदराबाद या चंडीगढ़ भेजा जाना चाहिये था, लेकिन एसटीएफ द्वारा गुजरात की लैब से इनकी जांच कराई गई. सिंह ने बताया कि उन्होने आज बातचीत के दौरान एसआईटी के अध्यक्ष चन्द्रेष भूषण से समय भी मांगा है तथा वे अपने वकीलों के साथ उनसे मिलेंगे.

उन्होंने बताया कि वे अपने निवास पर एक टोल फ्री नंबर भी शुरू करने पर विचार कर रहे हैं, जिस पर कोई भी व्यक्ति व्यापम घोटाले एम पी पीएससी भर्ती या खनिज घोटाले के संबंध में जानकारी दे सकता है, जानकारी देने वाले की गोपनीयता बरकरार रखने की जिम्मेदारी मेरी है.

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(इनपुट भाषा से)

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