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मुस्लिमों की दुर्दशा के किस्से सुनकर बना था जेहादी, अब भी हूं: यासीन भटकल

इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल ने कहा है कि उसने जेहाद छोड़ा नहीं है और अब भी वह जेहादी विचारधारा से जुड़ा हुआ है.

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यासीन भटकल
यासीन भटकल

इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल ने कहा है कि उसने जेहाद छोड़ा नहीं है और अब भी वह जेहादी विचारधारा से जुड़ा हुआ है.

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आंध्र प्रदेश के मियापुर में दंडाधिकारी के सामने अपने इकबालिया बयान में भटकल ने जो कहा है, उसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दिल्ली की अदालत में दायर अपने आरोप-पत्र में शामिल किया है. भटकल ने कहा है, 'बोस्निया और चेचन्या में' रहने वाले मुसलमानों की दुर्दशा के किस्से सुनने के बाद उसने हथियारबंद लड़ाई में शामिल होने का फैसला लिया.

अपने इकबालिया बयान में भटकल ने कहा है, 'इसके बाद मैं हिंदुओं और उन समुदायों के खिलाफ जो मुस्लिम समुदाय के विरोधी हैं, के खिलाफ हथियारबंद लड़ाई में शामिल हुआ. हथियारबंद लड़ाई का ही नाम जेहाद है जो मुस्लिमों पर हमले रोकने और इस्लामी कानून लागू करने के लिए छेड़ा गया है.' उसने कहा, 'आज तक मैं जेहाद का सदस्य हूं और मैंने जेहाद का काम बंद नहीं किया है.'

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भटकल को पिछले साल भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार किया गया था. उसपर वर्ष 2010 में पुणे के जर्मन बेकरी बमकांड में संलिप्त रहने के साथ-साथ भारत में कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहने का आरोप है.

भटकल ने 13 फरवरी 2010 को हुए जर्मन बेकरी विस्फोट और उसी वर्ष बेंगलुरू के चिन्मय स्वामी स्टेडियम में शामिल रहना स्वीकार किया है. जर्मन बेकरी कांड में 17 लोग मारे गए थे.

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