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दहशतगर्दी रोकने के लिए पाक कड़े कदम उठाए: मनमोहन सिंह

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहले ही साफ कर दिया था कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बातचीत में कुछ खास उम्मीद रखने की जरूरत नहीं है. मुलाकात के बाद यही हुआ भी, लेकिन मुलाकात के दौरान मनमोहन सिंह का हाव-भाव ये बताने के लिए काफी था कि आतंक के मसले पर पाकिस्तान का रवैया बर्दाश्त नहीं होगा.

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मनमोहन सिंह और नवाज शरीफ
मनमोहन सिंह और नवाज शरीफ

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पहले ही साफ कर दिया था कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बातचीत में कुछ खास उम्मीद रखने की जरूरत नहीं है. मुलाकात के बाद यही हुआ भी, लेकिन मुलाकात के दौरान मनमोहन सिंह का हाव-भाव ये बताने के लिए काफी था कि आतंक के मसले पर पाकिस्तान का रवैया बर्दाश्त नहीं होगा.

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को न्‍यूयॉर्क में पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बैठक में पाकिस्‍तान को दहशतगर्दी रोकने के लिए पाक कड़े कदम उठाने के लिए कहा. उन्‍होंने आतंकवाद, आर्थिक मुद्दे, सियाचीन मुद्दे, सीजफायर उल्‍लंघन पर नवाज शरीफ से बातचीत की. यह बैठक मैनहटन में न्यूयार्क पैलेस होटल में रखी गई थी. मनमोहन सिंह ने नवाज शरीफ को भारत आने का न्‍योता भी दिया.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से साफ शब्दों कहा कि भारत पाकिस्तान के बीच विभिन्न मुद्दों पर बातचीत फिर से शुरू करने की पूर्व शर्त नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनायें रोकना होगी. दोनों प्रधानमंत्री के बीच करीब एक घंटे तक चली बैठक की कोई बड़ी उपलब्धि नहीं थी. हालांकि यह घोषणा की गई कि दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों को संघषर्विराम को बनाये रखने की स्पष्ट योजना तैयार करने तथा उसकी बहाली सुनिश्चित करने को कहा गया है. इसके लिए कोई समय सीमा नहीं तय की गयी लेकिन भारतीय पक्ष ने कहा कि वे इस समस्या को जल्दी से जल्दी हल करना चाहेंगे.

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हाल ही में प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए शरीफ के साथ सिंह की पहली बैठक में बातचीत मूलत: नियंत्रण रेखा के आस पास स्थिरता बनाने और पाकिस्तानी भूभाग से भारत के खिलाफ छेड़े जा रहे आतंकवाद को रोकने पर केन्द्रित रही. दोनों प्रधानमंत्रियों ने एक दूसरे को राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया और दोनों ने उसे स्वीकार भी कर लिया, लेकिन इनकी तारीख के बारे में कोई संकेत नहीं दिया गया है. द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति और उनका कार्यकाल खत्म होने की बात को देखते हुए इस बात की संभावना क्षीण है कि सिंह की पाकिस्तान यात्रा की मंशा पूरी हो पायेगी, जहां वह 81 साल पहले जन्मे थे.

रिकार्ड के लिए भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने मीडिया को बताया कि बैठक 'सौहार्दपूर्ण, उपयोगी और रचनात्मक रही.' मीडिया बीफ्रिंग में भारत के साथ साथ पाकिस्तानी पत्रकार भी मौजूद थे. सिंह ने शरीफ से कहा कि नियंत्रण रेखा पर शांति संबन्धों में सुधार की पूर्व शर्त है. दोनों नेता नियंत्रण रेखा पर हालात सुधारने पर सहमत हुए जहां पाकिस्तान की ओर से संघषर्विराम का उल्लंघन हो रहा है. इस उल्लंघन के चलते बैठक को रद्द करने की बीजेपी की मांग से अप्रभावित प्रधानमंत्री ने यह बातचीत की.

बैठक में मनमोहन सिंह ने सीमा पार से लगातार हो रहे आतंकवाद तथा मुंबई हमले के मुख्य षडयंत्रकर्ता हाफिज सईद नीत जमात उद दावा जैसे समूहों को पाकिस्तान सरकार की ओर से मिल रहे समर्थन का मुद्दा उठाया. उन्होंने मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों की साजिश रचने वालों को सजा दिलाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की. उन्होंने कहा कि यह बातचीत जम्मू के समीप गुरुवार को हुए दोहरे आतंकी हमले की दुखद पृष्ठभूमि में हो रही है. पाकिस्तान में मुंबई हमले की जांच के सिलसिले में शरीफ ने बताया कि षडयंत्रकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इस सिलसिले में उन्होंने अपने देश की एक न्यायिक समिति का हाल में भारत दौरे का उल्लेख किया. गौरतलब है कि पाकिस्तान में मुंबई हमले की जांच की प्रगति से भारत संतुष्ट नहीं है.

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शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान भी आतंकवाद से पीड़ित है. यह पूछे जाने पर भारत की चिंताओं पर पाकिस्तान के कदम उठाने के बारे में भारतीय पक्ष कितना आशान्वित है, मेनन ने कहा कि सफलता के प्रमाण और बैठक की सार्थकता का पता आने वाले महीनों में ही चल पायेगा. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने संबन्ध बेहतर करने की इच्छा जाहिर की लेकिन अगले दौर की वार्ता के बारे में कोई निर्णय नहीं किया गया. मेनन की मीडिया ब्रीफिंग से पांच ब्लॉक दूर स्थित एक और मीडिया ब्रीफिंग में पाकिस्तान के विदेश सचिव अब्बास जिलानी ने बैठक को ‘अत्यधिक सकारात्मक और उपयोगी’ बताया. उन्होंने कहा, 'मुख्य उदेश्य अनुकूल माहौल बनाना और सभी लंबित मुद्दों को सुलझाना था. दोनों नेताओं ने सभी मुद्दे हल करने की प्रतिबद्धता जतायी.' जिलानी ने बताया कि सिंह ने इस बात पर बल दिया कि क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिये जम्मू कश्मीर, सियाचिन और सर क्रीक सहित सभी मुद्दों का हल जरूरी है.

उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने नियंत्रण रेखा पर हालात की चर्चा की और इस बात पर सहमति जतायी कि वर्ष 2004 में किये गये करार का हूबहू पालन किया जाना चाहिये. शरीफ ने कहा कि दोनों देशों के पास शांतिपूर्ण वार्ता जारी रखने के अलावा और कोई चारा नहीं है. जिलानी ने कहा, 'आतंकवाद पर चर्चा हुई. हम आतंकवाद पर आपकी चिंताओं से अवगत हैं, और मुझे लगता है कि भारतीय पक्ष भी हमारी चिंताओं से वाकिफ है. जिलानी ने कहा कि शरीफ ने बलूचिस्तान और पाकिस्तान के अन्य भागों में भारत द्वारा किये जा रहे 'बाह्य हस्तक्षेप' की बात भी कही.

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ब्रीफिंग में मेनन ने बलूचिस्तान में भारत के दखलअंदाजी के आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए कहा, 'इसका कोई सबूत नहीं है. अगर कोई सबूत है तो हमने उसे नहीं देखा है.' एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर कि पाकिस्तान में आतंकवाद की धुरी भारत है, मेनन ने पलट कर कहा, 'मैंने ऐसी किसी भी चिंता की बात नहीं सुनी है. अगर कोई सबूत है तो हम उस पर ध्यान देंगे. भारत के आतंकवाद का प्रसार करने का कहीं कोई प्रमाण नहीं है. काश मैं कह पाता कि वस्तुत: स्थिति इसके उलट है.'

यह पूछे जाने पर कि क्या सेना और शरीफ के विचार समान हैं, जिलानी ने कहा, 'पाकिस्तान में सभी संस्थानों के विचार समान हैं. इस बारे में गलत धारणा है. पाकिस्तान में निर्णय लेने की प्रक्रिया वही है जो सभी लोकतांत्रिक देशों में होती है..सभी निर्णय सहमति से लिये जाते हैं.' जिलानी ने दावा किया कि 26.11 में हुए मुंबई हमलों की जांच की प्रक्रिया धीमी पड़ने की वजह न्यायिक आयोग की भारत यात्रा में विलंब है. न्यायिक आयोग यात्रा के बाद अपनी रिपोर्ट देगा और उसके बाद ही सुनवाई की प्रक्रिया तेज होगी.

जिलानी ने कहा कि कश्मीर बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसका हल जरूरी है. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री शरीफ ने बैठक में यह मुद्दा उठाया था. हमने देखा कि दोनों पक्षों में इस मुद्दे को सद्भावपूर्ण माहौल में हल करने की बराबर की इच्छा दिखायी पड़ी.' जिलानी ने कहा, 'शांतिपूर्ण, सतत और निर्बाध वार्ता का कोई विकल्प नहीं है. हमारे बीच नियमित आधार पर बातचीत की जरूरत है ताकि सभी लंबित मुद्दे हल किये जा सकें.'

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