मेरा नाम अभय कुमार है. मैं हरियाणा का रहने वाला हूं. पढ़ाई को लेकर मैं शुरू से बहुत अच्छा था. इसके बाद भी मेरे पिता और स्कूल टीचर मुझसे नाराज रहते थे.
उसकी वजह थी, मेरा मैथ्स की तरफ ज्यादा फोकस होना . मुझे बचपन से ही मैथ्स में बहुत रुचि थी, जिस वजह से मैं किसी और विषय पर ध्यान नहीं देता था. हालांकि मैथ्स के बाद कोई दूसरा विषय मुझे पसंद था तो वो था फिजिक्स.
मेरे दूसरे विषयों में रुचि नहीं लेने के चलते अक्सर मेरे टीचर पापा से शिकायत कर देते थे. एक दिन पापा को मुझ पर इतनी गुस्सा आ गई कि उन्होंने मेरे 10वीं के एग्जाम से थोड़ा पहले ही मेरी मैथ्स की सारी किताबें फाड़ दीं और कहा कि अगर एग्जाम के पहले तुमने मैथ्स पढ़ी तो ठीक नहीं होगा. तुमहें पेपर देने की जरूरत भी नहीं है.
मैं बहुत परेशान हो गया, तब मेरी मां पास आईं और कहा तुझे जो पढ़ना है पढ़ तुझे कोई नहीं रोकेगा. मैंने जैसे-तैसे दूसरे विषयों की पढ़ाई शुरू की लेकिन दूसरे कोई भी विषय मुझे अच्छे नहीं लगते थे. फिर दिन आया एग्जाम का और मैने सारे एग्जाम दिए. रिजल्ट के दिन तो मुझे बहुत डर लग रहा था. आखिरकार रिजल्ट देखा तो मुझे मैथ्स मे 84 फीसदी नंबर मिले थे. इस बात का आज भी मुझे अफसोस है अगर आखिरी समय में पापा ने मेरी किताबें नहीं फाड़ी होती तो मेरे 100 फीसदी नंबर आ सकते थे.
मैं बस यहीं कहूंगा कि पेरेंट्स को हमेशा अपने बच्चे को पूरी छूट देनी चाहिए जो जैसा करना चाहता है उसे वैसा करने दें. तभी वे आगे बेहतर कर सकेंगे.
यह कहानी है अभय कुमार की. उन्होंने पढ़ाई से जुड़ा अपना अनुभव हमारे साथ साझा किया है. आप भी हमारे साथ अपने अनुभव aajtak.education@gmail.com पर भेज सकते हैं, जिन्हें हम अपनी वेबसाइट www.aajtak.in/education पर साझा करेंगे.