'साल एक, काम अनेक' और 'एक साल देश के नाम' जैसे जुमलों के साथ पहली वर्षगांठ मनाने जा रही मोदी सरकार के खिलाफ पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने विरोधी सुर में बोलने की हिम्मत जुटाई.
बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पिछले एक साल से नेतृत्व की बात को गांठ बांधने वाले सांसदों की निराशा और हताशा इस कदर बढ़ गई है कि यूपी के बलिया से पहली बार सांसद चुने गए भरत सिंह ने जमकर अपनी भड़ास निकाली.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक के बीच में ही खड़े होकर भरत सिंह ने कहा कि सरकार भले एक साल का जश्न मनाने जा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि जमीन पर काम नहीं हो रहा. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि भले केंद्र से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की राशि जारी हो रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि उनके इलाके में एक किलोमीटर भी सड़क इस योजना के तहत नहीं बन पाई है. हालांकि संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू का कहना है कि भरत सिंह ने अपने क्षेत्र के बारे में कुछ बातें रखी हैं, लेकिन उनका आरोप राज्य सरकार के रवैये पर था. जबकि सूत्रों की मानें तो भरत सिंह ने केंद्र सरकार के मंत्रियों पर भी कोई सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि चार-चार महीने बीत जाने पर भी मंत्री की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिलता है और वे सांसदों के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं.
सांसद भरत सिंह का संसदीय दल में बोलना पहले से तय नहीं था, लेकिन जब वे बोलने लगे तो व्यवस्था में लगे कर्मचारियों ने उन्हें फौरन माइक थमा दिया और उनकी आवाज पूरे हाल में सुनाई देने लगी. इतना ही नहीं, जब वे अपनी बात खत्म कर बैठे तो कई सांसदों ने तालियां बजाकर उनके साथ अपना सुर मिलाने के संकेत दिए. निश्चत तौर पर एक साल बाद अब सांसदों की पीड़ा उभरकर बाहर आने लगी है. लेकिन मोदी सरकार फिलहाल एक साल के जश्न की तैयारी में डूबी है. इस बाबत केंद्रीय रसायन व ऊर्वरक मंत्री अनंत कुमार के नेतृत्व में बनी मंत्रियों की कमेटी ने आयोजन का खाका तैयार कर लिया है. इस खाके के मुताबिक सरकार 26 मई को एक साल पूरे होने के साथ पूरे हफ्ते यानी एक जून तक देश भर में जश्न मनाएगी और अपनी उपलब्धियों का बखान पूरे देश में करेगी. इसके लिए मंत्रियों को अलग-अलग जगह भेजने, प्रेस कांफ्रेंस करने और जनसंपर्क के जरिए जनता से बात करने का निर्देश दिया गया है.
एक साल के जश्न को मोदी सरकार ने "जन कल्याण पर्व" का नाम दिया है. लेकिन उससे पहले 9 मई को पूरे देश में 200 जगहों पर मोदी सरकार अपनी दो बीमा योजना (दुर्घटना और जीवन बीमा) को लांच करेगी. खुद प्रधानमंत्री मोदी कोलकाता से तो वित्त मंत्री अरूण जेटली मुंबई से इस बीमा योजना को लांच करेंगे. गृह मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ में तो वेंकैया नायडू वाराणसी, अनंत कुमार बंगलुरू और कानून मंत्री सदानंद गौड़ा को मंगलोर की जिम्मेदारी दी गई है. जबिक सभी सांसदों को अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में इसे लांच करने का निर्देश दिया गया है. इस बीमा योजना को सरकार जनधन योजना की तरह ही लागू करने जा रही है और इसके लिए बैंकों और बीमा कंपनियों को लक्ष्य भी दे दिया गया है.