स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (एसएससी) के खिलाफ छात्रों ने आज 13वें दिन भी प्रदर्शन किया और छात्रों ने SSC संस्थान की तेरहवीं मनाई. 13 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पूरे विधि विधान के साथ SSC की तेरहवीं मनाई.
सरकारी नौकरियों में हो रही कथित धांधली के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों का कहना है कि जिस उद्देश्य से SSC का गठन हुआ था उसमें ये संस्थान विफल रही हैं. एक संस्थान के तौर पर SSC खत्म हो चुकी है, इसकी मौत हो गयी है जिसका देश के युवाओं को अत्यंत दुख है.
प्रदर्शनकारी छात्रों ने रविवार को एसएससी की तेरहवीं मनाते हुए शोक सभा का आयोजन किया. ज्ञात हो कि पिछले 13 दिनों से सड़क पर बैठे छात्रों की कुछ मांग अब तक नहीं मानी गयी है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने एक बार फिर से अपनी मांग दोहराया है.
उन्होंने कहा कि SSC द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं की समयबद्ध तरीके से निष्पक्ष सीबीआई जांच करवाई जाए. जब तक जांच न हो, वर्तमान में चल रही SSC की परीक्षाओं को स्थगित किया जाए.
प्रदर्शन में शामिल छात्र अभिनव ने कहा कि विश्व में सबसे बड़ी युवा आबादी भारत के पास है. ऐसे में सरकार अब तक युवाओं की आवाज के प्रति मौन क्यों है? क्या सरकार युवाओं के भविष्य और राष्ट्रनिर्माण को लेकर इतनी उदासीन है? प्रदर्शन में शामिल छात्रों ने ऐलान किया कि जब तक उनकी सारी मांगों को सरकार नहीं मानती है तब तक वह लोग सीजीओ कॉम्प्लेक्स से नहीं हटेंगे.