पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी के पास रविवार को एक हैरतंगेज़ हादसा हुआ. ख़तरनाक स्टंट करते हुए एक स्टंट मैन की जान चली गई. वो दो पहाड़ों के बीच का लंबा फ़ासला रस्सी से लटकते हुआ पार कर रहा था. लेकिन आधे रास्ते में ही उसके साथ कुछ ऐसा हुआ, कि वो हवा में लटकता रह गया.
स्टंटमैन शैलेंद्र का तमाशा चल रहा था. लोग दिल थामे तमाशा देख रहे थे. कुछ तालियां बजा रहे थे तो कुछ शोर मचाकर स्टंटमैन का जोश बढ़ा रहे थे. इस हौसला अफजाई के बीच आधी दूरी इस स्टंटमैन ने तय कर ली थी. लेकिन इसके बाद जो कुछ हुआ, उसके बारे में तो किसी ने सोचा भी नहीं था.
कहने की जरूरत नहीं है कि स्टंटमैन शैलेंद्र का ये तमाशा उसकी जिंदगी का आखिरी तमाशा साबित हो गया. रिकार्ड बनाने की चाहत में वो ये स्टंट कर रहा था, लेकिन जिंदगी कम पड़ गईं, सांसें थम गईं. शैलेंद्र को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही सब कुछ खत्म हो चुका था.
शैलेंद्र रॉय इतना खतरनाक स्टंट कर रहे थे, लेकिन वहां पर कोई रेस्क्यू टीम मौजूद नहीं थी. वो भी तब, जब शैलेंद्र पश्चिम बंगाल पुलिस में होमगार्ड की नौकरी करते थे. पुलिस कमिश्नर से पूछा गया तो उन्होंने इसे शैलेंद्र का निजी मामला बताकर पल्ला झाड़ लिया. सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर, जयरामन के मुताबिक ये प्रोग्राम उनकी जानकारी में था लेकिन शैलेंद्र छुट्टी पर थे. ये उनका कोई ऑफिशियल कार्यक्रम नहीं था.
मशहूर स्टंटमैन शैलेंद्र का ये स्टंट जिंदगी का आखिरी शो साबित हुआ. जिंदगी का आखिरी तमाशा साबित हुआ. सफर मंजिल से पहले खत्म हो गया. पीछे छूट गए वो तमाशबीन, कुछ देर पहले तालियां बजा रहे थे, लेकिन जब स्टंटमैन का आखिरी तमाशा देख लिया तो आंखें भीग गईं.