एनडीटीवी इंडिया के प्रसारण पर 24 घंटे की रोक लगने का मामला बढ़ता जा रहा है. अब राज्य सभा सांसद और जी मीडिया ग्रुप के प्रमुख सुभाष चंद्रा ने चैनल पर लगे प्रतिबंध को सही ठहराया है. सुभाष चंद्रा ने एक के बाद एक ट्वीट कर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एनडीटीवी इंडिया पर लगाए गए 24 घंटे के प्रतिबंध को सही ठहराया.
उन्होंने ट्वीट किया कि एनडीटीवी इंडिया पर एकदिवसीय प्रतिबंध नाइंसाफी है, यह सजा बहुत कम है. देश की सुरक्षा से खिलवाड़ के लिए उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाना चाहिए था. मेरा तो यह भी विश्वास है की अगर एनडीटीवी इंडिया न्यायालय में जाए तो उसे वहां से भी फटकार ही मिलेगी. यूपीए शासनकाल में जी पर प्रतिबंध की बात चली थी, तब एनडीटीवी और बाकि तथाकथित बुद्धिजीवियों ने मौन धारण करा था. एडिटर्स गिल्ड भी चुप्पी साधे हुआ था. पर आज गलत को गलत कहने पर कुछ लोग आपातकाल कह रहे है. क्या देश की सुरक्षा का कोई भी महत्त्व नहीं?
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में दो मत नहीं हो सकते. सरकार द्वारा NDTV इंडिया पर एकदिवसीय प्रतिबंध को मैं बिल्कुल सही मानता हूं.
NDTV पर 1 दिवसीय प्रतिबन्ध नाइंसाफी है, यह सजा बहुत कम है! देश की सुरक्षा से खिलवाड़ के लिए उन पर आजीवन प्रतिबन्ध लगाना चाहिए था (1/5)
— Dr. Subhash Chandra (@subhashchandra) November 6, 2016
UPA काल में Zee पर प्रतिबन्ध की बात चली थी तब NDTV, बाकि तथाकथित बुद्धिजीवीयों ने मौन धारण करा था, Editors Guild भी चुप्पी साधे हुआ था (3/5)
— Dr. Subhash Chandra (@subhashchandra) November 6, 2016
संवेदनशील जानकारियां उजागर करने का आरोप
एनडीटीवी इंडिया से 8-9 नवंबर की आधी रात से 9-10 नवंबर की आधी रात तक प्रसारण बंद करने के लिए कहा गया है. एनडीटीवी ने आदेश पर हैरानी जताते हुए कहा कि चैनल की कवरेज पूरी तरह से संतुलित थी. इस मामले में एक अंतर-मंत्रिस्तरीय समिति ने यह पाया कि चैनल ने जनवरी में पंजाब में हुए आतंकवादी हमले की कवरेज के दौरान प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया है. समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, चैनल ने सैन्य अड्डे की कुछ संवेदनशील जानकारियां उजागर की थी.
वहीं एनडीटीवी इंडिया के बाद सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों के बाद सरकार ने 'न्यूज टाइम असम' चैनल को एक दिन के लिए और केयर वर्ल्ड चैनल को 7 दिन के लिए बंद रखने का आदेश दिया है.