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अंटार्कटिक चले जाएं फ़ारूक़ अब्दुल्ला: सुब्रमण्यम स्वामी

फ़ारूक़ अब्दुल्ला के बेतुके बयान पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि अब्दुल्ला अंटार्कटिक जैसे इलाके में क्यों नहीं चले जाते हैं? 

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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फ़ारूक़ अब्दुल्ला के बेतुके बयान पर बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि अब्दुल्ला अंटार्कटिक जैसे इलाके में क्यों नहीं चले जाते हैं?  

शुक्रवार को फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत को अमेरिका और चीन की मदद स्वीकार कर लेनी चाहिए.

सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, 'फ़ारूक़ अब्दुल्ला इस तरीके का बयान दे रहे हैं और तीसरे देश की मध्यस्थता की बात कर रहे हैं, तो वह अंटार्कटिक जैसी किसी जगह पर क्यों नहीं चले जाते?'  

अब्दुल्ला ने कहा था, 'हम पाकिस्तान और चीन से युद्ध नहीं कर सकते, क्योंकि अगर हमारे पास एटम बम है, तो उनके पास भी एटम बम है. इसलिए इस मुद्दे को बातचीत से ही सुलझाना चाहिए.'

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, 'फ़ारूक़ अब्दुल्ला कश्मीर को लेकर कुछ भी कहे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है, क्योंकि वो कुछ भी बोलते रहते हैं. अब्दुल्ला के कहने से कश्मीर पर हमारी पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. इसलिए वह कुछ भी कहें, न तो जम्मू-कश्मीर की जनता को फ़र्क़ पड़ता है और न ही दिल्ली में यहां कोई फ़र्क़ पड़ता है. उन्हें पता होना चाहिए कि पिछले साठ साल में कश्मीर की समस्या के लिए कौन ज़िम्मेदार है. इसके लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ कांग्रेस और नेहरू की नीतियां जिम्मेदार हैं.  

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इस बयान के बाद सिर्फ सुब्रमण्यम स्वामी ही नहीं, राज्य सभा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, कोई तीसरा देश क्या करेगा? पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद परोस रहा है, उसको रोकना हमारे लिए बड़ा काम है.

बीजेपी नेता जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि फ़ारूक़ अब्दुल्ला कश्मीर घाटी में कुछ कहते हैं, जम्मू में कुछ कहते है और दिल्ली में कुछ कहते हैं ये उनकी आदत है.

उन्होंने कहा, 'कश्मीर की समस्या के लिए शेख़ अब्दुला की नीतिया दोषी हैं. कश्मीर की प्रॉब्लम के लिए नेशनल कॉन्फ़्रेन्स जितनी दोषी है, उतनी ही कांग्रेस भी दोषी हैं. इन दोनों दलों ने कश्मीर को यहां लाकर खड़ा किया है. राहुल गांधी को इतिहास की जानकारी नहीं है, नहीं तो जिस तरह से सरदार पटेल ने सभी राज्यों को जोड़ा, कश्मीर को भी जोड़ सकते थे. जवाहर लाल नेहरू ने शेख़ अब्दुला की दोस्ती के चलते कश्मीर प्रॉब्लम में खड़ा किया है. हालांकि राहुल गांधी ने ये अच्छी बात कही है कि कश्मीर भारत का है, इसकी समस्या भारत ही हल करेगा. कश्मीर से पाकिस्तान और चीन का कोई लेना देना नहीं हैं.

 

 

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