कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के 'जनेऊधारी हिन्दू' होने के पार्टी के दावे पर निशाना साधते हुए बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि 47 साल के गांधी के वंशज को अपने पिता की अंत्येष्टि के लिये जनेऊ धारण करना पड़ा था. इसके साथ ही स्वामी ने कांग्रेस पार्टी को 'एक परिवार की धर्मशाला' बताते हुए कहा कि इसमें कोई अध्यक्ष बने इससे कुछ फर्क नहीं पड़ता.
बता दें कि राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को नामांकन पत्र भरा है और इस पर उनके र्निविरोध चुने जाने की पूरी उम्मीद है. राहुल गांधी के हिंदू होने के सवाल पर स्वामी ने मीडिया से कहा कि उसे जबरन बाहर से जनेऊ पहनना पड़ा नहीं तो वह अपने पिता की अंत्येष्टि में भाग नहीं ले सकते थे.
स्वामी ने राहुल के बारे में कहा कि जब वह यह स्वीकार करते हैं कि वह शिवभक्त हैं, तो उन्हें यह मंजूर करने में क्या परेशानी है कि वह एक हिंदू हैं? आप कहते हो मंदिर जाता हूं, शिवभक्त हूं, फिर आपका सहयोगी सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदू रजिस्टर में उनका नाम भरता है. उस रजिस्टर को मांगना होता है. उसके सहायक ने रजिस्टर मंगाया था और पुजारी को बताया था कि दो गैर हिंदूओं का नाम लिखना है. सच क्या है, बता दीजिये. आप हिंदू हैं या नहीं. एक मिनट में सारा विवाद खत्म हो सकता था.
धर्म के निजी विषय होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि देखिये, झूठ बोलना धर्म नहीं है. आपने कहा कि मैं शिवभक्त हूं और रजिस्टर में कहा कि मैं गैर हिंदू हूं. आपने कहा मैंने नहीं भरा रजिस्टर, सहायक ने भरा. उसने आपके दस्तखत भी किए हैं. बीजेपी नेता ने दावा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द ही शुरू होगा और अगले साल हम दीपावली अयोध्या के राममंदिर में ही मनायेंगे.
उन्होंने कहा कि मैंने देखा है कि हमारे तर्क क्या हैं और प्रतिद्वंदी के तर्क में कोई दम नहीं है. इलाहाबाद हाई कोर्ट में वह हार गए हैं, अब अपील में आए हैं, लेकिन कोई नई बात नहीं रखी है इसलिये मैं मानता हूं कि अदालत में हमारा जीतना निश्चत है. एक सवाल के उत्तर में स्वामी ने कहा कि गुजरात में बीजेपी की जीत निश्चत है.
शराब कारोबारी विजय माल्या को देश में वापस लाने के सवाल पर स्वामी ने कहा कि सरकार लगी हुई है, किसी को छोड़ेगी नहीं. जीएसटी पर स्वामी ने कहा कि नया कर ढांचा लागू होने के बाद अब देश की जीडीपी धीरे-धीरे बढ़नी शुरू हो रही है. इसी तरह नोटबंदी के बाद सबने कहा था कि इससे बीजेपी को नुकसान होगा, लेकिन इसके बाद हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की भारी विजय हुई.