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'पद्मावत' पर स्वामी बोले- चाहे कुछ भी हो SC का ऑर्डर मानना ही पड़ेगा

गुरुवार को फिल्म पद्मावत पर संजय लीला भंसाली को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली. SC ने 4 राज्यों में फिल्म पर लगाए गए बैन को असंवैधानिक बताया है. साथ ही राज्य सरकारों को कानून व्यवस्था संभालने को कहा है.

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बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी

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संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद भी करणी सेना का विरोध जारी है. ऐसे में बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि आप रिव्यू याचिका दायर कर सकते हैं और फैसले पर पुर्नविचार के लिए कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसके अलग-अलग परिणाम हो सकते हैं, जिनका ध्यान नहीं रखा गया है.

उन्होंने कहा कि चाहे कुछ भी हो वे कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि खून खराबा होता है, या नहीं, उसे नियंत्रण में लेना होगा.

बता दें कि गुरुवार को फिल्म पद्मावत पर संजय लीला भंसाली को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली. SC ने 4 राज्यों में फिल्म पर लगाए गए बैन को असंवैधानिक बताया है. साथ ही राज्य सरकारों को कानून व्यवस्था संभालने को कहा है.

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हरियाणा अपनी समृद्ध संस्कृति को भूल गया

वहीं हरियाणा में पिछले कुछ दिन में हो रही लगातार रेप की घटनाओं ने पूरे देश को हिला दिया है. इस पर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि हरियाणा अपनी समृद्ध संस्कृति को भूल गया है. वे यह भी भूल जाते हैं कि महाभारत कुरुक्षेत्र में हुई थी. कुरुक्षेत्र जहां एक महिला की साड़ी खींचने के लिए महाभारत हुई थी. यह हमारी संस्कृति है. वे कुछ अन्य प्रकार के लोग होंगे जो कहते है "बलात्कार आमतौर पर होता है".

एडीजी को पढ़ाई जाए महाभारत

स्वामी ने हरियाणा पुलिस के एडीजी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए. उन्हें एक साल के लिए महाभारत और रामायण पढ़ानी चाहिए. इसके बाद उन्हें परीक्षा देनी होगी और परीक्षा में पास होते है तो उनके निलंबन को हटाना चाहिए.

बता दें कि हरियाणा पुलिस के एडीजी आरसी मिश्रा ने एक बयान में रेप को समाज का हिस्सा बताया था. उन्होंने कहा कि 'इस तरह की घटनाएं अनंतकाल से होती चली आ रही हैं.'

स्वामी ने ए राजा पर भी टिप्णी की. उन्होंने कहा- मैंने ए. राजा जैसा बेवकूफ नहीं देखा. उस पर कौन भरोसा करेगा. यदि एक अदालत ने उसे रिहा कर दिया है तो इसका मतलब यह नहीं है कि ऊपरी अदालत भी ऐसा करेगी.

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उन्होंने कहा कि वह जवाब भी नहीं दे सकता है. वह यह नहीं बता सका कि उन्होंने 2009 में स्पेक्ट्रम बेचे हैं. महत्वपूर्ण बात है कि ये सुप्रीम कोर्ट का फैसला विनोद राय की रिपोर्ट पर आधारित नहीं था.

बता दें कि 2जी स्पेक्ट्रम बंटवारे के मामले में कोर्ट से बरी होने के बाद पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा ने '2जी सागा अनफोल्ड्स' नाम से किताब लिखी है. इस किताब में उन्होंने पूर्व CAG विनोद राय और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर अपनी तीखी राय रखी है.

राजा ने खासतौर पर विनोद राय पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि विनोद राय को उनके और यूपीए-1 सरकार के खिलाफ इस्तेमाल किया गया. उन्होंने कहा है कि विनोद राय आखिर तक इसी भ्रम में रहे कि वह देश की अंतरात्मा की रक्षा कर रहे थे, पर वह इस्तेमाल हो रहे थे.

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