अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की वकालत करने वाले मौलाना सलमान नदवी को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी समर्थन मिलने लगा है. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नदवी को विद्वान और समझदार व्यक्ति करार दिया है.
राम मंदिर निर्माण पर नया फॉर्मूला सुझाने के बाद नदवी का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से पत्ता कट गया है. इस पर स्वामी ने सवाल उठाए और कहा कि ऐसा लगता है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक दुकान की तरह चल रहा है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की आलोचना
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने न सिर्फ सलमान नदवी को विद्वान बताया है, बल्कि उनके खिलाफ एक्शन के लिए AIMPLB की भी आलोचना की. स्वामी ने कहा, 'नदवी को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने राम मंदिर बनने की पैरवी की.' उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक दुकान की तरह चल रहा है.
बीजेपी सांसद ने भी कहा कि सलमान नदवी के साथ देश के 80 प्रतिशत लोग हैं. उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी पर भी निशाना साधा. स्वामी ने कहा कि ओवैसी का अपना स्टाइल है और उनके साथ एक दो गुट आ गए हैं. उन्होंने कहा कि ओवैसी को सलमान नदवी से माफी मांगनी चाहिए.
मौलाना नदवी की तारीफ करते हुए स्वामी ने कहा, 'एक बार मैंने सैयद शहाबुद्दीन से बात की थी कि विदेशों में जरूरत पड़ने पर मस्जिदों को शिफ्ट किया जाता है. तब सैयद शहाबुद्दीन ने कहा था अगर इस पर कोर्ट फैसला दे दे या फिर सलमान नदवी कह दें तो वह मान लेंगे.'
ये उदाहरण देते हुए स्वामी ने कहा कि अगर सैयद शहाबुद्दीन जैसा कट्टर मुस्लिम व्यक्ति सलमान नदवी की बात मानने के लिए कहता है तो उनकी काबिलियत का अंदाजा लगाया जा सकता है.
एक बार फिर स्वामी ने अयोध्या विवाद पर हिंदुओं को जीत मिलने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा कि जुलाई तक राम मंदिर पर कोर्ट का फैसला आ जाएगा और दिवाली तक मंदिर निर्माण हो जाएगा.