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राम मंदिर पर रोजाना सुनवाई के लिए SC में अपील करेंगे सुब्रमण्यम स्वामी

बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दावा किया कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण का काम इस वर्ष का अंत होने से पहले प्रारंभ हो सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अयोध्या में विवादास्पद स्थल पर मंदिर के निर्माण का पथ सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय से प्रशस्त होगा.

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बीजेपी नेता सु‍ब्रमण्यम स्वामी
बीजेपी नेता सु‍ब्रमण्यम स्वामी

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बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को कहा कि वह अयोध्या में राम मंदिर पर रोजाना सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे. स्वामी ने 'आज तक' पर राम मंदिर के निर्माण पर बहस के दौरान एआईएमआईएम चीफ असदउद्दीन ओवैसी के रोजाना सुनवाई के सुझाव पर सहमति जताई. स्वामी ने कहा राम मंदिर पर हम केस जीतेंगे और मोदी राज में ही मंदिर बनेगा.

बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दावा किया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम इस वर्ष का अंत होने से पहले प्रारंभ हो सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अयोध्या में विवादास्पद स्थल पर मंदिर के निर्माण का पथ सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय से प्रशस्त होगा. इससे पहले 'श्रीराम जन्मभूमि मंदिर: उभरता परिदृश्य' विषय पर आयोजित संगोष्ठी के दूसरे और अंतिम दिन दिल्ली विश्वविद्यालय में भी उन्होंने मंदिर निर्माण का मुद्दा उठाया.

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'सरयू के किनारे एक अन्य मस्जिद का निर्माण'
डीयू के कला संकाय में यह संगोष्ठी कड़ी सुरक्षा के बीच अरूंधति वशिष्ठ अनुसंधान पीठ ने आयोजित किया. इस अनुसंधान संगठन का गठन दिवंगत विहिप नेता अशोक सिंघल ने किया था. स्वामी ने कहा, 'राम मंदिर मामले में अदालत में विजयी होने पर मथुरा के कृष्ण मंदिर और काशी विश्वनाथ में, हम आसानी से जीत जाएंगे, क्योंकि साक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट हैं. यह अधिक कठिन मामला है.' उन्होंने कहा कि अयोध्या में सरयू नदी के निकट एक अन्य मस्जिद बन सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह बाबर के नाम पर नहीं होगी.

इसके अलावा ट्विटर पर एक ट्वीट में स्वामी ने कहा, 'हम हिन्दू मुस्लिमों को भगवान कृष्ण का पैकेज दे रहे हैं. हमको तीन मंदिर दो और 39997 मस्जिद रख लो. मुझे उम्मीद है कि मुस्लिम नेता दुर्योधन नहीं बनेंगे.' महाभारत में भगवान कृष्ण ने शांति बनाए रखने और युद्ध को टालने के लिए प्रस्ताव दिया था कि यदि हस्तिनापुर पांडवों को पांच गांव भी दे देगा तो वे संतुष्ट हो जाएंगे और कोई अन्य मांग नहीं करेंगे. कौरव युवराज दुर्योधन ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा था कि वह पांडवों को सुई की नोंक के बराबर भी जगह देने के पक्ष में नहीं है.

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