भारत ने सतह से हवा में प्रहार करने में सक्षम अपनी स्वदेश विकसित आकाश मिसाइल का बुधवार को लगातार दूसरे दिन ओडिशा में एक परीक्षण रेंज से सफल परीक्षण किया जो 25 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है.
रक्षा सूत्रों ने यहां बताया, ‘दोपहर करीब 1.20 बजे चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज के प्रक्षेपण परिसर-3 से अत्याधुनिक आकाश मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण किया गया.’ परीक्षण को पूरी तरह सफल बताते हुए एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने कहा, ‘पूरी कवायद भारतीय वायु सेना द्वारा प्रायोगिक परीक्षण के तहत की गयी.’ उन्होंने कहा कि यह कल के प्रक्षेपण का पुन: परीक्षण था. आकाश का मंगलवार को हुआ परीक्षण भी सफल रहा था.
‘आकाश’ मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली विमान रोधी रक्षा प्रणाली वाली मिसाइल है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एकीकृत दिशानिर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित किया है.
सूत्रों ने कहा कि मिसाइल के वायु सेना के संस्करण को पहले ही शामिल किया जा चुका है और सेना का संस्करण सशस्त्र बलों में शामिल किये जाने के अंतिम चरण में है. सूत्रों ने कहा कि यह मिसाइल 25 किलोमीटर के दायरे में मार कर सकती है और अपने साथ 60 किलोग्राम वजन का हथियार ले जाने में सक्षम है. इसमें 30 किलोमीटर दूरी तक के विमान को भेदने की क्षमता है और इसमें एक बैटरी है जो एक साथ कई लक्ष्यों को भांपकर उन पर निशाना साध सकती है.
लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और हवा से सतह में मार करने वाली मिसाइलों को रोकने की क्षमता की वजह से रक्षा विशेषज्ञों ने ‘आकाश’ की तुलना अमेरिका की एमआईएम-104 पैट्रियट सतह से हवा में प्रहार करने वाली मिसाइल प्रणाली से की है.
इससे पहले 19 जून को भी इसी केंद्र से मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण किया गया था.