कभी 'आडवाणी फॉर पीएम' कैंपेन की अगुआई कर रहे सुधीन्द्र कुलकर्णी ने खुद को बीजेपी से अलग कर लिया है. बीजेपी से अलग-थलग वे लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद ही पड़ गए थे. जाहिर है ये एक तरह से कुलकर्णी का खुद को आडवाणी से भी अलग कर लेना है.
भाजपा से सारे रिश्तों को तोड़ा
कुलकर्णी ने ऐलान किया है कि वे बीजेपी से अपने सारे रिश्ते तोड़ रहे हैं. हालांकि वे पार्टी के प्राथमिक सदस्य भी नहीं थे. गौरतलब है कि कुलकर्णी कभी अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार हुआ करते थे. जब आडवाणी का राज आया तो वे उनके सलाहकार बन गए लेकिन, आडवाणी फॉर पीएम कैंपेन की नाकामी के बाद कुलकर्णी पार्टी के निशाने पर आ गए थे.
पार्टी का शुभचिंतक बना रहूंगा
बहरहाल, कुलकर्णी ने जोर देकर कहा कि उनके इस्तीफा देने के निर्णय का जसवंत सिंह के निष्कासन से कोई लेना देना नहीं हैं. कुलकर्णी ने कहा कि भाजपा के 13 वर्षों तक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने के बाद मैंने पार्टी से अपने सक्रिय सहयोग को समाप्त करने का निर्णय किया है. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का शुभचितंक बना रहूंगा.