पद से अचानक हटाए जाने के दो दिन बाद पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है. सुजाता सिंह ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया कि सरकार ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया और उनके काम के पुराने रिकॉर्ड की अनदेखी की गई. सुजाता ने केंद्र सरकार से ये सवाल पूछा है कि क्या ऐसा किया जाना जरूरी था?
'सब कुछ मोदी और सुषमा ने नहीं किया'
पूर्व विदेश सचिव ने इस इंटरव्यू के दौरान अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि सरकार इस पूरे मामले को अच्छे तरीके से भी अंजाम दे सकती थी. लेकिन अचानक रातोंरात हुए इस फैसले से वह आहत हुईं हैं. सुजाता ने यह भी आरोप लगाया 'इस सरकार ने पिछले 8 महीने में विदेश नीति को लेकर जितने भी काम किए हैं उसके लिए
सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ही क्रेडिट देना सही नहीं है. इन सबमें मेरा भी महत्वपूर्ण योगदान था.' सुजाता ने कहा, 'अमेरिका के साथ
हुए न्यूक्लियर डील में भी उन्होंने ही कई महत्वपूर्ण सलाह प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री को दी थीं, लेकिन उसके लिए मैंने तो कभी क्रेडिट नहीं मांगा.'
सुजाता ने इस बात का भी दावा किया कि पिछले साल उन्हें विदेश सचिव के पद से हटकर किसी देश के राजदूत या UPSC के सचिव बनने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उस वक्त उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था क्योंकि वो एक सम्मानजनक विदाई चाहती थीं.
गौरतलब है कि बीते बुधवार को सरकार ने अचानक ही सुजाता सिंह को उनके पद से हटा दिया था. सरकार ने सुजाता को हटाए जाने की वजह अब तक साफ नहीं की है. सरकार ने एस जयशंकर को देश का नया विदेश सचिव नियुक्त किया है.