वायुसेना के प्रमुख ने सोमवार को ही संकेत दिए थे कि आतंकवाद के खिलाफ उनका ऑपरेशन अब भी जारी है. अब इसकी झलक दिखनी भी शुरू हो गई है, वायुसेना ने कुछ ऐसे ट्रायल किए हैं जिनसे आतंकवादी परेशान हो सकते हैं. वायुसेना ने महत्वपूर्ण लड़ाकू विमान सुखोई-30 के द्वारा स्पाइस 2000 बम गिराने का ट्रायल किया है. ट्रायल के बाद अब ये प्रक्रिया अपनी फाइनल स्टेज में जारी है.
आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक में वायुसेना ने इन्हीं बमों को जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर गिराया था. हालांकि, इस एयर स्ट्राइक में सुखोई की जगह मिराज लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया गया था.
सुखोई-30 भारतीय वायुसेना का मुख्य लड़ाकू विमान है. एयर फोर्स के सूत्रों की मानें तो हमने सुखोई-30 में स्पाइस 2000 बम के इस्तेमाल का ट्रायल किया है. अभी इस तरह का बम सिर्फ मिराज ही इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन अब इसी के साथ ही अब हमारे लिए ऑप्शन बढ़ गए हैं.
गौरतलब है कि इस एयर स्ट्राइक में सुखोई लड़ाकू विमानों ने मिराज को कवर देने का काम किया था. लेकिन आतंकी ठिकानों पर बम मिराज ने ही गिराए थे.
सुखोई सु-30 के बारे में...
सुखोई सु-30 एक रूस में बना लड़ाकू विमान है.
ये एक दो इंजन वाला सैन्य विमान है जो हर मौसम में सफलतापूर्वक सैन्य मिशन में काम आता है.
1990 से सु-30 विमानों में से पहला आईएएफ द्वारा शामिल किया गया था.
इसकी रफ्तार करीब 2000 KMH की होती है.
सुखोई अब भी कई मिसाइलों के साथ दुश्मन पर वार कर सकता है. लेकिन स्पाई 2000 के साथ ट्रायल होने के बाद ये और भी खतरनाक होगा.
बीते दिनों आए एक आंकड़े के मुताबिक भारत के पास अभी 200 से अधिक सुखोई हैं. जबकि, 2020 तक ये आंकड़ा 250 के पार जा सकता है.
पिक्चर अभी बाकी है...!
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने सोमवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बार कहा था कि पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ हमारा ऑपरेशन अब भी जारी है. ऐसे में किसी भी चीज़ की ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती है.