सेना ने 300 करोड़ रुपए के सुकना जमीन घोटाले के मामले में लेफ्टिनेंट जनरल पी. के. रथ पर एक प्राइवेट बिल्डर बिल्डर को ‘धोखे के इरादे से’ अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने का आरोप लगाया है.
सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ‘समरी ऑफ एविडेंस’ (किसी कार्मिक के खिलाफ कोर्टमार्शल की कार्यवाही शुरू करने से पहले गवाहों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया) में रथ पर 7 आरोप लगाए गए हैं. इल्जाम साबित होने पर रथ को अधिकतम 10 साल कैद की सजा हो सकती है.
अपने मुवक्किल पर लगे ‘धोखे के इरादे’ के आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रथ के वकील अजीत के. सिंह ने कहा ‘मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी और समरी ऑफ एविडेंस में लगाए गए आरोप पूरी तरह बेमेल हैं, क्योंकि जांच में यह कहीं नहीं कहा गया है कि लेफ्टिनेंट जनरल रथ का धोखाधड़ी करने का इरादा था.’
सूत्रों ने बताया कि रथ पर अधिकार के बगैर अनुचित ढंग से और सुकना सैन्य स्टेशन की सुरक्षा का ख्याल किये बगैर एनओसी देने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला लेने का भी आरोप लगाया गया है. रथ पर सुकना सैन्य स्टेशन के सटी जमीन पर शिक्षण संस्थान के निर्माण के लिये निजी निर्माणकर्ताओं को एनओसी जारी करने के 33वीं कोर के फैसले के बारे में पूर्वी कमान मुख्यालय को जानकारी नहीं देने का इल्जाम भी लगाया गया है.