सुखना भूमि घोटाले में आर्म्ड फोर्सेस ट्राइब्यूनल (एएफटी) से क्लीन चिट पाने वाले सेना के पूर्व कमांडर पी के रथ ने शनिवार को कहा कि इस फैसले से उनका पक्ष सही साबित हुआ है, जबकि पूर्व सेना प्रमुख वी के सिंह ने मांग की कि सरकार को एएफटी के फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए.
एएफटी ने शुक्रवार को लेफ्टीनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) पी के रथ के कोर्ट मार्शल को खारिज कर दिया था. 33 कोर के पूर्व कमांडर रथ को पश्चिम बंगाल में भूमि सौदे में कथित भूमिका के लिए दंडित किया गया था.
रथ ने बताया, ‘मैंने कई सालों से इसके कारण काफी झेला है. लेकिन एएफटी के फैसले ने मेरे पक्ष को सही ठहरा दिया है.’ पूर्व सेना प्रमुख और अब केंद्रीय मंत्री वी के सिंह की इस मामले में भूमिका पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं इन मामलों में व्यक्तिगत नहीं होना चाहता हूं लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि किसी भी व्यक्ति को उच्चाधिकारी द्वारा शिकार नहीं बनाया जाना चाहिए. सेना को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसा नहीं हो.’
उन्होंने कहा, ‘मैं पहले ही दिन से एएफटी और सेना अधिकारियों से कह रहा था कि प्रक्रिया में मैंने कुछ भी गलत नहीं किया लेकिन अब मुझे राहत मिली है कि न्याय किया गया है.’
इस बीच, वी के सिंह ने कहा कि सरकार को एएफटी के फैसले के खिलाफ अपील करनी चाहिए क्योंकि कथित घोटाले की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में सभी प्रक्रियाओं का पूरी तरह से पालन किया गया था. रथ ने सिंह की मांग पर कोई भी टिप्पणी करने से यह कहकर इंकार कर दिया कि गेंद सरकार के पाले में है और इस मामले में कोई निर्णय करना उस पर निर्भर करता है.
एएफटी ने रथ की याचिका से सहमति जताई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि जनरल वी के सिंह ने मामले को अनावश्यक महत्व दिया क्योंकि उन्हें तत्कालीन सैन्य सचिव लेफ्टीनेंट जनरल अवधेश प्रकाश के प्रति गंभीर दुर्भाव था. सिंह मानते हैं कि प्रकाश के कारण ही जन्मतिथि के मुद्दे पर उन्हें शपथपत्र देना पड़ा, जो सेना प्रमुख के रूप में उनके कार्यकाल के विस्तार में बाधक बना. प्रकाश को भी सुखना सैन्य केंद्र के पास की जमीन स्थानांतरित करने के मामले में कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ा था.