लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने देश में संसद भवन के लिए एक नई इमारत बनाने का प्रस्ताव किया है. उनका कहना है कि वर्तमान 88 साल पुरानी इमारत पर समय और बढ़ती उम्र का असर दिखने लगा है और यह अधिक जगह की बढ़ती मांग को पूरा करने में अब सक्षम नहीं है.
स्पीकर ने इसके लिए दो वैकल्पिक स्थल सुझाएं हैं. इनमें एक संसद भवन परिसर में ही और दूसरा निकट ही राजपथ के उस स्थान पर जहां रक्षा और दिल्ली पुलिस के कुछ बैरक स्थित हैं. महाजन ने इस बारे में शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू को चिट्ठी भी लिखी है. इसमें नए संसद भवन परिसर के निर्माण के कार्य को शुरू करने पर विचार करने को कहा गया है.
क्यों है नए संसद भवन की जरूरत
संसद के लिए नए भवन की जरूरत को उचित ठहराते हुए सुमित्रा महाजन ने कहा कि जब 1927 में वर्तमान इमारत को सेवा में लिया गया था तब कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों, मीडिया, संसद में कामकाज देखने आने वाले लोगों की संख्या सीमित थी, लेकिन इन वर्षों में यहां आने वाले लोगों की संख्या कई गुणा बढ़ गई है. वेंकैया नायडू को लिखे पत्र में सुमित्रा महाजन ने कहा, 'संसद के वर्तमान भवन की उम्र और कार्यों व कर्मचारियों की संख्या बढ़ने और उसके ज्याद इस्तेमाल की वजह से इस पर असर पड़ रहा है.' उन्होंने यह भी कहा कि संसद का वर्तमान भवन 88 वर्ष पुराना हो गया है.
कामकाज बढ़ा, आगे बढ़ सकती हैं लोकसभा सीटें
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पहले यह भवन सिर्फ सांसदों और सचिवालय के कर्मचारियों के लिए था, लेकिन संसदीय कामकाज बढ़ने, समितियों और सुरक्षा जरूरते बढ़ने के कारण जगह की मांग कई गुणा बढ़ गई है. अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि संसद की इमारत को 'धरोहर स्थल ग्रेड-1' घोषित किया गया है, ऐसे में इसके ढांचे की मरम्मत, इसमें विस्तार, बदलाव और परिवर्तन में कई तरह की सीमाएं हैं.
उन्होंने कहा कि साल 2026 के बाद लोकसभा के सीटों की संख्या बढ़ने की संभावना है और यह संविधान के अनुच्छेद 81 के उपबंध 3 के तहत हो सकता है. अभी लोकसभा में बैठने की क्षमता 550 सीटों की है और इसे बढ़ाया नहीं जा सकता है.
अपनी चिट्ठी में लोकसभा अध्यक्ष ने लिखा है कि अगर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष को भी लोकसभा चैम्बर के रूप में बदला जाए, तब भी 550 सदस्यों से अधिक इसमें नहीं आ सकेंगे. अभी केंद्रीय कक्ष की क्षमता 398 सीटों की है.
नई टेक्नोलॉजी से जोड़ने की जरूरत
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रौद्योगिकी के उन्नत होने के साथ ऐसी योजना है कि सांसदों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाए और संसद को कागजी कार्रवाई से मुक्त किया जाए. उन्होंने कहा कि इसके कारण लोकसभा चैम्बर में बैठक की व्यवस्था को नए सिरे से तैयार करने की जरूरत होगी. चैम्बर में वर्तमान बैठने की व्यवस्था की सीमाएं हैं, नई इमारत से अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस आधुनिक संसद का विकल्प पेश होगा.
नई-पुरानी इमारत को भूमिगत जोड़ने का सुझाव
स्पीकर ने लिखा, 'इन परिस्थितियों में संसद के नए अत्याधुनिक इमारत के निर्माण की जरूरत है.' सुमित्रा महाजन ने लिखा कि नए संसद भवन के निर्माण का एक विकल्प परिसर के अंदर ही होगा और दूसरा राजपथ के दूसरी ओर हो सकता है जो उपयुक्त रूप से बड़ा क्षेत्र है और जहां नए परिसर का डिजाइन तैयार करने की स्वतंत्रता हो सकती है. वर्तमान इमारत और प्रस्तावित नई इमारत दोनों परिसरों को भूमिगत मार्ग से जोड़े जाने का सुझाव भी दिया गया है.