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मोदी को सम्मन: गुजरात सरकार कानूनी विकल्प तलाशेगी

गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय की ओर से साल 2002 में हुए दंगों से जुड़े मामलों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सम्मन जारी किए जाने के संबंध में कानूनी विकल्पों को तलाशेगी.

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गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि वह उच्चतम न्यायालय की ओर से साल 2002 में हुए दंगों से जुड़े मामलों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सम्मन जारी किए जाने के संबंध में कानूनी विकल्पों को तलाशेगी.

गुजरात सरकार के प्रवक्ता जयनारायण व्यास ने कहा, ‘भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री (मोदी) ने कानून की प्रक्रिया के साथ हमेशा सहयोग किया है और भविष्य में भी ऐसा करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘कानूनी मुद्दा विस्तृत योजना का मामला है. कानून के तहत जो भी अधिकार उपलब्ध हैं हम उसे तलाशेंगे और उसके अनुसार जो कुछ भी किए जाने की जरूरत होगी, उसे किया जाएगा. जहां तक भाजपा सरकार या मुख्यमंत्री का सवाल है तो हम कानून की प्रक्रिया के साथ सहयोग करेंगे.’

व्यास ने गुजरात में विपक्षी कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री मोदी का इस्तीफा मांगे जाने का उपहास उड़ाया. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की मांगें हवाई किले के समान हैं. ये ‘मुंगेरी लाल के हसीन सपने’ (दिवास्वप्न) हैं. पहले उन्हें 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे और 1969 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों के संबंध में आत्ममंथन करना चाहिए.’ व्यास ने कहा, ‘पहले उन्हें देखना चाहिए कि जब (1984 में) सिखों की हत्या की जा रही थी तो उनके मुख्यमंत्रियों ने क्या किया था. कम से कम इस मुद्दे पर कांग्रेस को बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.’

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