सुनंदा पुष्कर केस में पटियाला हाउस कोर्ट में एक बार फिर पूरे दस्तावेज शशि थरूर को न मिल पाने की वजह से सुनवाई 23 अक्टूबर तक के लिए टल गई है. शुक्रवार को जब पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, तो सुब्रमण्यम स्वामी समेत शशि थरूर के वक़ील पहले से ही मौजूद थे.
थरूर के वकील ने कोर्ट से कहा कि पुलिस ने जो दस्तावेज पिछली सुनवाई पर हमें सौंपे थे, उनमें से कुछ वीडियो सीडी प्ले ही नहीं हो रही हैं. लिहाजा इनकी दूसरी कॉपी दी जाए. इस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि मामले की अगली सुनवाई से पहले सभी दस्तावेज पूरे करके शशि थरूर को दे दिए जाएं.
इस केस में बार-बार तारीखें पड़ने के कारण मामले का ट्रायल 4 साल बीतने के बाद भी आगे नहीं बढ़ पाया है. इस मामले को जनप्रतिनिधियों के लिए बनाई गई विशेष अदालत सुन रही है. कोर्ट को एक साल में मामले की सुनवाई पूरी करनी है. शुक्रवार को कोर्ट ने साफ कहा कि दस्तावेजों को देने में और देरी न की जाए.
पटियाला हाउस कोर्ट में दिल्ली पुलिस पहले ही शशि थरूर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. इसमें सुनंदा पुष्कर को आत्महत्या के लिए उकसाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. चार्जशीट दाखिल होने के बाद शशि थरूर के वकील की तरफ से चार्जशीट से जुड़े तमाम दस्तावेजों की कॉपी मांगी गई थी, लेकिन पिछली दो सुनवाई के दौरान दस्तावेज पूरे न मिलने की वजह से इस केस की सनवाई टलती रही.
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में पुलिस की चार्जशीट और उसके बाद शशि थरूर को मिली जमानत पर भी कुछ वक्त पहले हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई थी. अभी 2 दिन पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें शशि थरूर की जमानत को खारिज करने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि पटियाला हाउस कोर्ट में शशि थरूर को मिली जमानत में उन नियमों को बाईपास कर दिया गया, जो आम आदमी को जमानत लेने के लिए जरूरी होते हैं.