scorecardresearch
 

भारत का ब्रह्मोस हुआ और घातक, 450 KM तक भेदेगा लक्ष्य

इसकी मारक क्षमता को 290 किमी से बढ़ाकर 450 किमी की गई है. इसकी गति आवाज से भी तीन गुना ज्यादा है. ब्रह्मोस भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जा रही है. इस कामयाबी ने भारतीय सेना और नौसेना की ताकत में इजाफा होगा. साथ ही भारतीय सेना और नौसेना में तैनात सभी ब्रह्मोस मिसाइलों की मारक क्षमता बढ़ाई जा सकेगी. एमटीसीआर में शामिल होने के बाद यह पहली बार है, जब भारत ने 290 किमी से ज्यादा मारक क्षमता वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है.

Advertisement
X
नई ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण
नई ब्रह्मोस मिसाइल का परीक्षण

Advertisement

भारत ने पहली बार 450 किमी दूर तक मार करने में सक्षम नई ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. शनिवार सुबह 11:30 बजे ओडिशा के चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से ब्रह्मोस को स्वाचालित मोबाइल लांचर से दागा गया.

इसकी मारक क्षमता को 290 किमी से बढ़ाकर 450 किमी की गई है. इसकी गति आवाज से भी तीन गुना ज्यादा है. ब्रह्मोस भारत की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल मानी जा रही है. इस कामयाबी ने भारतीय सेना और नौसेना की ताकत में इजाफा होगा. साथ ही भारतीय सेना और नौसेना में तैनात सभी ब्रह्मोस मिसाइलों की मारक क्षमता बढ़ाई जा सकेगी. एमटीसीआर में शामिल होने के बाद यह पहली बार है, जब भारत ने 290 किमी से ज्यादा मारक क्षमता वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है.

Advertisement

उधर, ब्रह्मास की सफलता के बाद से पाकिस्तान और चीन में खलबली मची गई है. हालांकि अभी इन देशों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त वेंचर ''ब्रह्मोस एयरोस्पेस'' ने तैयार किया है. ब्रह्मोस एयरोस्पेस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सुधीर मिश्र ने बताया कि यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 99.94 फीसदी सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को भेद सकती है.

उन्होंने बताया कि पिछले साल भारत के मिसाइल तकनीकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में शामिल होने के बाद पहली बार यह ऐतिहासिक परीक्षण सामने आया है. दरअसल, जो देश एमटीसीआर के सदस्य नहीं है, वे 290 किमी से ज्यादा मार करने वाली मिसाइल नहीं बना सकते हैं. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस मिसाइल के ज्यादा परीक्षण की जरूरत नहीं होगी और नई मिसाइलों को सीधे सेना में शामिल किया जा सकेगा.


सॉफ्टवेयर में बदलाव करके बढ़ाई गई मारक क्षमता

भारत और रूस के संयुक्त वेंचर ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सीईओ ने बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए इसके सॉफ्टवेयर और इंटरनल डायनेमिक्स में बदलाव किया. भारत पहले ही इसकी मारक क्षमता बढ़ा सकता था, लेकिन एमटीसीआर का सदस्य नहीं होने की वजह से इसकी क्षमता को 290 किमी से ज्यादा नहीं बढ़ाया गया था.

Advertisement

अब भारत 290 किमी दूर तक मार करने में सक्षम मिसाइल को बना सकता है और इनका परीक्षण कर सकता है. हाल ही में भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (डीआरडी) के चेयरमैन डॉ एस क्रिस्टोफर ने 10 मार्च को इस मिसाइल के परीक्षण करने की घोषणा की थी, लेकिन किसी वजह से एक दिन देरी से इसका परीक्षण किया गया.

Advertisement
Advertisement