राजस्थान के पोखरण में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' का सफल परीक्षण किया गया. ये परीक्षण गुरुवार सुबह किया गया. बता दें, ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज एंटी शिप मिसाइल है.
बता दें, इससे पहले भी ब्रह्मोस का सफल परीक्षण हो चुका है. पिछले साल नवंबर में ब्रह्मोस को फाइटर जेट सुखोई से दागा गया था, जो कि सफल रहा था. सूखोई और ब्रह्मोस की जोड़ी को डेडली कांबिनेशन भी कहा जाता है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो 290 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकता है. सूखाई-30 फुल टैंक ईंधन के साथ 2500 किलोमीटर तक मार कर सकता है.
ब्रह्मोस का निशाना अचूक है. इसलिए इसे 'दागो और भूल जाओ' मिसाइल भी कहा जाता है. दुनिया की कोई भी मिसाइल तेज गति से हमले के मामले में इसकी बराबरी नहीं कर सकती. यहां तक कि अमेरिका की टॉम हॉक मिसाइल भी इसके मुकाबले नहीं ठहरती.
Supersonic Cruise Missile #BrahMos successfully flight tested from Rajasthan's Pokhran test range, this morning. pic.twitter.com/3kGeNWMw6t
— ANI (@ANI) March 22, 2018
जानें ब्रह्मोस के बारे में
1. ब्रह्मोस कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है इसलिए रडार की पकड़ में नहीं आती.
2. भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी पर ब्रह्मोस का नाम रखा गया है. ये इस लिए कि इसे डीआरड़ीओ ने भारत-रूस के ज्वाइंट वेंचर के तौर पर डेवलप किया.
3. ब्रह्मोस 3700 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से 290 किलोमीटर तक के ठिकानों पर अटैक कर सकती है.