भारत की हवाई हमले की क्षमता को बल देते हुए फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई शनिवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को लेकर रवाना हुआ. इसके साथ ही भारतीय वायु सेना दुनिया की एकमात्र वायु सेना बन गई है जिसके पास इस तरह की प्रणाली है. इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर है.
सफल उड़ान के साथ ब्रह्मोस का हवाई अवतार कार्यक्रम अब वास्तविक परीक्षण के करीब पहुंच गया है जब 2500 किलोग्राम के ब्रह्मोस के हवा से सतह पर मार करने वाले मिसाइल को सुखोई-30 से आने वाले महीनों में दागा जाएगा.
ब्रह्मोस को सुखोई-30 एमकेआई के साथ जोड़े जाने से हथियार को बहु-प्लेटफॉर्म क्षमता मिलेगी जबकि यह भारतीय वायु सेना को दुनिया की एकमात्र ऐसी वायु सेना बना देगी जिसके पास ऐसी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल प्रणाली होगी. भारतीय वायु सेना सुखोई-30 और ब्रह्मोस का यह खतरनाक मेल जो इसे बढ़ी हुई मारक क्षमता प्रदान करेगी उससे खुश है.
शक्तिशाली मिसाइल वायुसेना को शत्रु के इलाके में काफी अंदर तक घुसकर उनके महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को बेहद सुरक्षित दूरी से खतरनाक आघात पहुंचाने में मदद करेगा.इस एकीकरण से भारतीय वायु सेना और उसके शत्रुओं की क्षमता में काफी अंतर आ जाएगा. सुखोई-30 और ब्रह्मोस की यह जोड़ी दृश्यता सीमा के भीतर और बाहर हवाई लड़ाई अभियान चलाएगी और वायु सेना को शक्तिशाली हवाई रक्षा प्रणाली से सुरक्षित लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता प्रदान करेगी.