भाजपा छोड़ समाजवादी पार्टी नेता मुलायम सिंह के साथ आये पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने रविवार को कहा कि मुलायम सिंह एक मौकापरस्त धोखेबाज राजनीतिज्ञ हैं जिन पर भरोसा करना उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती है.
मुलायम किसी के नहीं हैं
कल्याण सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘‘मुलायम सिंह एक अवसरपरस्त और धोखेबाज राजनीतिज्ञ हैं जिन पर भरोसा करना उनके जीवन की सबसे बडी गलती थी.’’ उन्होंने कहा ‘‘मेरे समर्थकों ने मुझे मुलायम सिंह के बारे में आगाह किया था लेकिन मैंने फिर भी उन पर भरोसा किया और उनकी फितरत नहीं समझ पाया.’’ सिंह ने कहा ‘‘राजनीति में मैंने कई धोखे खाये हैं लेकिन यह सबसे बड़ा धोखा है. मैं इसके लिये पश्चाताप करूंगा और भाजपा को मजबूत करने के लिये काम भी करूंगा.’’ उन्होंने कहा ‘‘मुलायम न हिन्दुओं के हैं न मुसलमानों के हैं न अगडों के हैं और न पिछडों के. वह सिर्फ निजी मतलब के हैं. स्वार्थ के लिये वह किसी को भी धोखा दे सकते हैं.’’
मुलायम ने खुद कल्याण सिंह से समर्थन मांगा था
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुलायम सिंह ने राजबब्बर को धोखा दिया, वाम दलों को धोखा दिया लेकिन कांग्रेस होशियार निकली जो इन्हें समझ गयी और उन्हें घास नहीं डाली. उन्होंने कहा कि वह मुलायम सिंह के पास नहीं गये थे बल्कि मुलायम स्वयं उनके पास आये थे और उनका समर्थन मांगा था. कल्याण सिंह ने बताया कि मुलायम सिंह स्वयं उनके पुत्र राजबीर सिंह के घर गये थे और वहीं सपा महासचिव अमर सिंह ने उन्हें बुलाया था. उन्होंने बताया कि राजबीर सिंह के घर पर ही मुलायम सिंह ने उनसे सपा में शामिल होने का आग्रह किया था लेकिन उन्होंने पार्टी में शामिल होने से इनकार कर दिया था.
अपनी हार पचा नहीं पा रहे हैं मुलायम
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके बाद मुलायम सिंह ने उनके पुत्र राजबीर को सपा में शामिल होने की अनुमति देने को कहा था जो उन्होंने दे दी थी और राजबीर सपा में शामिल हो गये थे. उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह अपनी हार पचा नहीं पा रहे हैं और अब हार का ठीकरा मेरे सिर फोड़ रहे हैं. सिंह ने बताया कि अगस्त में आगरा में हुए सपा के सम्मेलन में वह सपा के निमंत्रण पर ही गये थे. सपा नेता राम गोपाल यादव ने पत्र भेज कर उन्हें सम्मेलन में आने का निमंत्रण दिया था. जगह-जगह उनके (कल्याण सिंह के) पोस्टर भी लगवाये थे और मुलायम सिंह ने स्वयं उन्हें लाल टोपी पहनायी थी और मंच से कल्याण सिंह जिन्दाबाद की नारे लगाये गये थे. गौरतलब है कि मुलायम सिंह ने शनिवार को कहा था कि कल्याण सिंह बिना बुलाये ही आगरा सम्मेलन में पहुंच गये थे.