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1993 राजधानी ट्रेन ब्लास्ट: SC ने 4 अभियुक्त किए बरी, 8 की सजा बरकरार

देश के अलग-अलग हिस्सों में 6 दिसम्बर 1993 को राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी मोहम्‍मद जलीस अंसारी समेत आठ दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया है.

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देश के अलग-अलग हिस्सों में 6 दिसम्बर 1993 को राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के आरोपी मोहम्‍मद जलीस अंसारी समेत आठ दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने आठों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. निचली अदालतों ने आठों को धमाकों का दोषी ठहराया था.

सबूतों के अभाव में बरी
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में सलीम अंसारी, मोहम्‍मद जहीरूद्दीन, मोहम्‍मद निसारूद्दीन और मोहम्‍मद युसुफ नाम के 4 लोगों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चारों आरोपियों के खिलाफ अभियोजन पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा है. इसलिए आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया जाता है.

16 की हुई थी गिरफ्तारी
गौरतलब है की 6 दिसंबर 1993 को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर विरोध जताते हुए हैदराबाद, लखनऊ, गुजरात और राजस्‍थान में राजधानी एक्‍सप्रेस ट्रेनों में बम धमाके किए गए थे. इस मामले में सीबीआई ने मोहम्‍मद जलीस अंसारी समेत 16 लोगों को गिरफ्तार किया था. जिसमें से 12 आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी. सभी ने अपनी सजा को पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट के सामने चुनौती दी थी.

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