सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की बच्चे की हत्या के मामले में दोषी दंपति को मौत की सजा सुनाई है. दरअसल, आरोपी तांत्रिक दंपति ने बलि चढ़ाने के लिए बच्चे की हत्या कर दी थी. किरण बाई और उनके पति ईश्वरी लाल यादव के खिलाफ आरोप था कि वे दोनों तंत्रवाद में विश्वास करते थे. किरण बाई सिद्धि प्राप्त करना चाहती थी और उसे गुरुमाता का दर्जा मिल चुका था.
बलि के उद्देश्य से उन्होंने अपने पड़ोस में रहने वाले दो साल के बच्चे (चिराग) को किडनैप कर लिया था और घर के अंदर ही उसकी हत्या कर दी गई थी. पड़ोस के बच्चे की अपहरण के बाद हत्या करके घर के अंदर ही दफना दिया गया था.
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जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस सूर्यकांत तीन जजों वाली पीठ ने जांच और सबूतों के आधार पर 2:1 के बहुमत से फैसला लिया कि निर्दयता से बच्चे की हत्या का मामला दुर्लभ है, इस मामले में मौत की सजा सुनाई जा सकती है.
जजों की पीठ ने गुरुवार को हाईकोर्ट के फैसले की भी पुष्टि की, जिसमें उन्हें एक अन्य मामले में बिना पैरोल के आजीवन कारावास की सजा दी गई. बलि के उद्देश्य से एक अन्य मामले में उन्हें 6 साल की बच्ची की हत्या करने का दोषी पाया गया था.