सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर बने रामलला के अस्थाई मंदिर के पुराने तिरपाल और रस्सियां बदलने की अनुमति दे दी है.
अस्थाई मंदिर के तिरपाल और रस्सियां बदलने के मामले में केंद्र और अन्य पक्षकारों द्वारा किसी प्रकार की आपत्ति नहीं किए जाने पर न्यायमूर्ति सुरिंदर सिंह निज्जर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह अनुमति प्रदान की.
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद स्थल का तीन पक्षीय बंटवारा करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 30 सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ अनेक याचिकाएं विचारार्थ स्वीकार की हैं.
कोर्ट ने नौ मई, 2011 को उच्च न्यायालय के निर्णय को बेतुका बताते हुए इसके अमल पर रोक लगा दी थी. न्यायालय ने कहा था कि किसी भी पक्ष ने इस भूमि के बंटवारे की मांग नहीं की थी.
न्यायालय ने विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए इससे लगी 67 एकड़ भूमि पर किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगा दी थी.
यह भूमि केंद्र सरकार ने अपने कब्जे में ले रखी है.