सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि शारीरिक तौर पर अक्षम लोगों को आईएएस समेत तमाम सरकारी नौकरी और प्रमोशन में तीन फीसदी आरक्षण दिया जाए. चीफ जस्टिस आर एम लोढा ने कहा कि शारीरिक तौर पर एक अक्षम शख्स को इस मामले में 1995 में बने कानून के बावजूद 19 साल से हक नहीं मिला.
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी केंद्र सरकार और यूपीएससी को निर्देश दिया था कि वह आईएएस के अपॉइंटमेंट और प्रमोशन में विकलांगों के लिए तीन फीसदी रिजर्वेशन लागू करे. इसके खिलाफ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाई. उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र इस कानून का विरोध कर इसके उद्देश्य को विफल बनाने की कोशिश कर रही है.
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने दलील दी कि कैटिगरी ए और बी अफसरों के प्रमोशन के मामले में रिजर्वेशन नहीं दिया जा सकता क्योंकि यह अपॉइंटमेंट का मामला नहीं है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि नियुक्ति एक व्यापक सिद्धांत है और केंद्र इसकी संकीर्ण व्याख्या कर रहा है.