सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकील यतीन ओझा को गुजरात हाई कोर्ट के दो न्यायधीशों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के लिए बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया है. ओझा गुजरात हाई कोर्ट के अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हैं.
ओझा ने HC के जजों के खिलाफ दिया था ये बयान
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश टी एस ठाकुर ने ओझा को फटकार लगाते हुए कहा कि वो एक हलफनामा दायर कर माफी मांगें और उसमें ये भी लिखें कि वो अब इस तरह के बयान दोनों जजों के खिलाफ नहीं दे देंगे.
ओझा ने बयान दिया था कि गुजरात हाई कोर्ट के न्यायधीश एमआर शाह और केएस झावेरी संविधान के मुताबिक नहीं, बल्कि 7 रेस कोर्स रोड और 11 अशोक रोड के इशारे पर काम करते हैं.
इस बयान की वजह से ओझा के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू हुई. इसी कार्रवाई पर रोक के लिए यतीन ओझा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश टीएस ठाकुर ने ओझा के बयान पर सख्त ऐतराज जताया.
चीफ जस्टिस ने कहा- जजों के खिलाफ मीडिया से बात न करें
मुख्य न्यायधीश ने ओझा को ताकीद किया कि वो हाई कोर्ट के दोनों जजों के खिलाफ मीडिया में कोई बात नहीं कहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने ओझा को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया और अवमानना की कार्रवाई भी
खत्म कर दी.