जजों की नियुक्ति के लिए बनाए गए कोलेजियम सिस्टम को लेकर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने माना कि इस सिस्टम में लिमिटेड लेकिन पर्याप्त पारदर्शिता है. गुरुवार को कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह इस सिस्टम के तहत एपेक्स कोर्ट और हाई कोर्ट में नियुक्त किए गए उन जजों की लिस्ट जारी करे जिनकी नियुक्ति शक के घेरे में है.
जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली संवैधानिक बेंच ने कहा, 'आप यह नहीं कह सकते कि कोलेजियम सिस्टम में बिल्कुल पारदर्शिता नहीं है. हम वैकेंसी का विज्ञापन जारी नहीं करते लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इसमें पारदर्शिता नहीं है.'
कितने जजों की नियुक्ति पर हुआ संदेह?मामले की सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि कोलेजियम सिस्टम में सरकार का भी दखल था और सरकार को इस बात की जानकारी होती थी कि किस जज की नियुक्ति की जा रही है. गृह मंत्रालय की जांच के बाद ही जजों के नाम फाइनल होते थे.
बेंच ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से सवाल करते हुए कहा, 'कोलेजियम सिस्टम में ऐसे कितने लोगों की नियुक्ति हुई है जिन पर संदेह किया जा रहा है. सरकार उनके नाम कोर्ट को उपलब्ध कराए.' बेंच ने यह भी कहा कि सरकार बताए कि संदेह होने पर कितने जजों की नियुक्ति टाली गई है. मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी.