सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कर दी है. इसके बाद शहाबुद्दीन ने सीवान CJM कोर्ट में सरेंडर कर दिया है. खबरों की माने तो इससे पहले शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने के लिए सीवान के एसपी प्रतापपुर पहुंचे थे.
शहाबुद्दीन को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. राजीव रोशन की हत्या मामला में सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया है. कोर्ट ने शहाबुद्दीन को हिरासत में ले कर वापस जेल भेजने का निर्देश दिया. जस्टिस पिनाकी घोष और जस्टिस अमिताव रॉय की बेंच ने यह फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द ट्रायल पूरा करे.
जमानत रद्द न करने की अपील की थी
इससे पहले, शहाबुद्दीन के वकील शेखर नाफड़े ने कई तकनीकी पहलुओं के सहारे जमानत रद्द ना करने के लिए जोरदार पैरवी की थी. उन्होंने दलील दी कि चंदा बाबू के जिस तीसरे लड़के की हत्या का आरोप उनके मुवक्किल पर है, उस हत्या के समय तो वो जेल में था. दूसरी तरफ चंदा बाबू के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा था कि शहाबुद्दीन जेल में था, लेकिन अपनी मर्जी से जब चाहता था, बाहर आ जाता था और ये बात तो सीवान के मजिस्ट्रेट ने भी अपनी रिपोर्ट में बताई थी.
#WATCH: Mohd Shahabuddin says his supporters will reply to Nitish Kumar in the next elections. pic.twitter.com/F9PGYYs83s
— ANI (@ANI_news) September 30, 2016
शहाबुद्दीन के वकील ने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल को चार्जशीट की कॉपी तक नहीं दी गई. कोर्ट ने चार्जशीट वाले आरोप पर जब बिहार सरकार के वकील से पूछा तो बिहार सरकार के पास कोई जवाब नहीं था. जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि ये तो गंभीर बात है कि 17 महीने तक अभियुक्त को चार्जशीट की कॉपी नहीं दी गई. प्रशांत भूषण ने इस आरोप का जवाब देते हुए कहा था कि शहाबुद्दीन ने कभी भी चार्जशीट की मांग नहीं की. ऐसे में ये आरोप बेबुनियाद है.
आखिर में शहाबुद्दीन ने कोर्ट से ये गुहार लगाई थी कि आप जो चाहें शर्ते लगा दें. आप कहें तो मैं बिहार छोड़ने को तैयार हूं, लेकिन जमानत रद्द न की जाए.