फैसले के लिहाज से बुधवार का दिन बेहद अहम होने जा रहा है क्योंकि देश की सबसे बड़ी अदालत 6 बड़े मामलों पर एक ही दिन में फैसला सुनाने जा रही है. 6 बड़े फैसलों में आधार की अनिवार्यता और प्रमोशन में आरक्षण दिए जाने संबंधित मामले भी शामिल हैं.
पहला, सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को आने वाले बड़े फैसलों में सबसे पहले सरकारी नौकरी में प्रमोशन मामले में कोर्ट के 5 जजों का संविधान पीठ फैसला सुनाएगा. संविधान पीठ को यह तय करना है कि सुप्रीम कोर्ट के ही 5 जजों के संविधान पीठ के 12 साल पुराने नागराज फैसले पर फिर से विचार करने की जरूरत है या नहीं. फैसला अगर सकारात्मक रहा तो इस पर 7 जजों का पीठ विचार करेगा.
सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट की सविधान पीठ ने 30 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था.
दूसरा, आधार की अनिवार्यता वाले मुकदमे पर भी बुधवार को फैसला आएगा. इस संविधान पीठ में शामिल 5 जजों में से कुछ दूसरे हैं. कोर्ट ने आधार की अनिवार्यता के मामले में सभी पक्षों की सुनवाई पूरी कर 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. मामले की सुनवाई 17 जनवरी को शुरू हुई थी जो 38 दिनों तक चली. आधार से किसी की निजता का उल्लंघन होता है या नहीं, इसकी अनिवार्यता और वैधता के मुददे पर 5 जजों के संवैधानिक पीठ को फैसला देना है.
आधार की अनिवार्यता के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का यह संविधान पीठ तय करेगा कि आधार निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है या नहीं. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस अशोक भूषण के 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की सुनवाई की.
आधार पर फैसला आने तक सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों की बाकि सभी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता पर रोक लगाई गई है. इनमें मोबाइल सिम और बैंक खाते भी शामिल हैं. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि जब तक मामले में कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक आधार लिंक करने का ऑप्शन खुला रहना चाहिए. इसके अलावा सख्त रुख्त अपनाते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सरकार आधार को अनिवार्य करने के लिए लोगों पर दबाव नहीं बना सकती है.
तीसरा, सुप्रीम कोर्ट गुजरात से राज्यसभा सासंद अहमद पटेल की याचिका पर फैसला सुनाएगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट में उनके खिलाफ चल रही बीजेपी उम्मीदवार बलवंत सिंह राजपूत की चुनाव याचिका की सुनवाई पर रोक लगाई थी.
राजपूत ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि पटेल ने गलत तरीके से चुनाव जीता. उन्होंने विधायकों को बेंगलुरु के होटल में बंद कर के रखा था.
चौथा, राष्ट्रीय महत्व के मामलों में अदालत की कार्रवाई की लाइव स्ट्रीमिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज ही फैसला सुनाएगा. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अदालती कार्रवाई की लाइव स्ट्रीमिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी और ये ओपन कोर्ट का सही सिद्घांत भी होगा.
सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा था कि हम खुली अदालत को लागू कर रहे हैं. ये तकनीक के दिन हैं. हमें पॉजीटिव सोचना चाहिए और देखना चाहिए कि दुनिया कहां जा रही है. कोर्ट में जो सुनवाई होती है वेबसाइट उसे कुछ देर बाद ही बताती हैं. इसमें कोर्ट की टिप्पणी भी होती है. साफ है कि तकनीक उपलब्ध है और हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए. केंद्र सरकार की ओर से एटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट नें गाइडलाइन दाखिल की हैं.
पांचवां, सुप्रीम कोर्ट जज लोया केस में दाखिल पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुनाएगा जिसमें वकील इंदिरा जयसिंह ने सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणियों को हटाने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि इन टिप्पणियों को 19 अप्रैल के फैसले से हटाएगा या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत के मामले में पुनर्विचार याचिका पर 9 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा था.
छठा, सुप्रीम कोर्ट बुधवार को यह तय करेगा कि आपराधिक केस में किसी सांसद या विधायक के अदालत से दोषी ठहराए जाने पर उसकी कुर्सी तुरंत छीनने के लिए आदेश चुनाव आयोग जारी करे या फिर संबंधित सदन का सचिव जारी करे. फिलहाल यह आदेश सदन का सचिव जारी करता है.
जनहित याचिका में कहा गया है कि सदन का सचिव जानबूझकर यह आदेश काफी देरी से जारी करता है ताकि दोषी नेता की सदन में कुर्सी बनी रहे इसलिए यह अधिकार चुनाव आयोग को दिया जाए ताकि इस पर वह तुरंत आदेश जारी करे.