सुप्रीम कोर्ट ने डीएनडी (दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट) फ्लाईओवर को टोल-फ्री बनाने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने अब तक एकत्र हुए टोल की गणना के बाद आदेश जारी करने की बात कही है.
इससे पहले नोएडा दिल्ली टोल प्लाजा को फ्री करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था. कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी.
उधर, कंपनी के खिलाफ याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में लड़ाई जीत ली थी. हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि टोल वसूलने वाली कंपनी नोएडा टोल ब्रिज कंपनी ने नोएडा अथॉरिटी के साथ 1997 में करार किया था. करार एकतरफा किया गया. जिससे हर हाल में टोल वसूलने वाली कंपनी को फायदा हो. पूरा करार एक घपला है. इस प्रोजेक्ट की लागत 407 करोड़ रुपये बताई गई. जबकि 6 दिसम्बर 2012 की ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को 581 करोड़ का फायदा हुआ.