सु्प्रीम कोर्ट ने आसाराम बापू के स्वास्थ्य की जांच के लिए मंगलवार को डॉक्टरों का एक दल गठित करने का निर्देश दिया. आसाराम ने सिर में तेज दर्द की शिकायत की है. आसाराम फिलहाल जेल में ही रहेंगे, क्योंकि कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सभी गवाहों के बयान निचली अदालत में दर्ज होने के बाद ही उनकी जमानत पर विचार किया जाएगा.
72 साल के आसाराम अपने आश्रम में 16 साल की एक किशोरी के यौन उत्पीड़न के मामले में इस वक्त जोधपुर जेल में बंद हैं. किशोरी ने 20 अगस्त, 2013 को आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने जोधपुर स्थित एस.एन. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को चिकित्सकों का एक दल गठित करने के लिए कहा है, जो आसाराम की बीमारी की जांच करेगा और इसके लिए जरूरी उपचार का सुझाव देगा.
कोर्ट ने कहा कि मेडिकल बोर्ड 23 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा, जिसके बाद सुनवाई की अगली तारीख तय की जाएगी. बोर्ड में एक मैक्सोफैसियल सर्जन, न्यूट्रॉन सर्जन और डेंटिस्ट शामिल होंगे.
आसाराम की जमानत याचिका पर अदालत ने कहा कि पीड़िता अदालत में पेश हो चुकी है, लेकिन उसके माता-पिता और डॉक्टर अभी तक निचली अदालत में पेश नहीं हुए हैं.
आसाराम की जमानत के लिए सीनियर वकील सलमान खुर्शीद ने दलील पेश की जिसका वकील कामिनी जायसवाल ने तीव्र विरोध किया. जायसवाल ने अदालत को बताया कि आसाराम के समर्थक समस्याएं पैदा करते हैं और उनकी रिहाई से समस्या और जटिल हो जाएगी.
अदालत को यह भी बताया गया कि जेल के अधिकारी असाराम का इलाज करा रहे हैं, लेकिन वे आयुर्वेद पद्धति से चिकित्सा पर जोर दे रहे हैं.
खुर्शीद ने कहा कि अदालतों के काम नहीं करने के कारण सुनवाई में देरी लग सकती है, इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि अदालतें काम नहीं कर रही हैं तो इसका मतलब यह होगा कि सभी विचाराधीनों को जमानत दे दी जाए.
इस पर अदालत को बताया गया कि राजस्थान हाई कोर्ट ने मामले की रोजाना सुनवाई का निर्देश दिया है, लेकिन आसाराम और अन्य आरोपी सुनवाई में देरी लगा रहे हैं.