सुप्रीम कोर्ट ने सियायी पार्टियों को दिए जाने वाले दान पर आयकर छूट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि यह किसी भी संविधान का उल्लंघन नहीं करता है.
जनहित याचिका में धारा 13(ए) को निरस्त करने और राजनीतिक दलों को मिलने वाले गुप्तदान की सीबीआई जांच की मांग की गई थी. चुनाव आयोग ने भी चुनाव में काले धन के प्रवाह पर रोक के प्रयास के तहत सरकार से कानूनों में संशोधन का आग्रह किया था ताकि राजनीतिक दलों को दो हजार रुपये और उसके ऊपर दिए जाने वाले गुप्त योगदानों पर रोक लगाई जा सके. अभी तक ये छूट 20000 रुपये है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कहा चुके है कि वह खुद भी सहमत हैं कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता होनी चाहिए. अगर सभी दलों की सहमति बने तो बीजेपी अगुवाई करने के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री ने चुनाव सुधार की दिशा में बढ़ने वाले हर कदम के समर्थन की बात कही.