सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहिम से संबंधित उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इस दावे की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की गुहार लगाई गई है कि दाऊद कानून का सामना करने के लिए भारत लौटना चाहता था, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों ने उसकी पेशकश पर ध्यान नहीं दिया.
सर्वोच्च न्यायालय में यह याचिका किशोर समरिते ने दायर की थी, जिन्होंने एसआईटी की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायलय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को सौंपने का अनुरोध किया था. समरिते ने अपनी याचिका में कहा है कि दाऊद ने भारत में कानून का सामना करने के लिए वापसी को लेकर दो-तीन बार यहां लोगों से संपर्क किया, लेकिन सरकार ने उसकी पेशकश पर ध्यान नहीं दिया.
याचिका में पूर्व पुलिस कमिश्नर और राम जेठमलानी के बयानों का जिक्र
सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि समरिते की यह याचिका खारिज कर दी और कहा कि यह ऐसा मामला नहीं है, जिसकी पड़ताल न्यायालय करे और न ही यह ऐसा मुद्दा है, जिस पर न्यायालय को दखल देने की जरूरत हो. याचिकाकर्ता ने दाऊद के भारत लौटने की पेशकश पर सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिए जाने की जांच कराने की मांग करते हुए इस संबंध में दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त नीरज कुमार और राज्यसभा सदस्य तथा वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी के बयानों का जिक्र किया, जिन्होंने दावा किया है कि दाऊद भारत लौटना चाहता था.