इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल चुनावी बॉन्ड पर कोई रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है.
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले पर अब दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी. देश की शीर्ष अदालत ने निर्वाचन आयोग के साथ-साथ केंद्र को भी नोटिस देकर इस मामले में जवाब तलब किया है. बता दें, दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनावी बॉन्ड पर तुरंत रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है.
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने याचिका दायर कर इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगाने की मांग की है. उनकी दलील है कि बॉन्ड साल की कुछ ही अवधि के लिए जारी किए जाते हैं, वह भी लोकसभा चुनाव के लिए लेकिन इसे राज्यों के चुनावों से पहले ही जारी कर दिया गया. प्रशांत भूषण का आरोप है कि इससे सत्तारूढ़ पार्टी को हजारों करोड़ रुपये की कमाई हो रही है.
प्रशांत भूषण ने कहा कि रिजर्व बैंक और मुख्य चुनाव आयोग ने इस स्कीम पर यह कहते हुए ऐतराज जताया है कि इससे धन जुटाने में मदद मिलती है. प्रशांत भूषण का आरोप है कि दिल्ली चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड शुरू कर दिया है. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 2 हफ्ते में जवाब देने के लिए एक नोटिस जारी किया है. इस पर सरकार और चुनाव आयोग को जवाब देना है.
सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि हमने पहले भी इस मामले को सुना है और कोई स्थगन नहीं दिया है. हम सरकार का पक्ष सुने बगैर भी इस पर कोई स्थगन आदेश नहीं देंगे. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर कोई स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया. अब अगले दो हफ्ते में इस पर दोबारा सुनवाई होगी.