गुलबर्ग सोसाइटी ट्रस्ट में हेराफेरी की आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद फिलहाल गिरफ्तार नहीं किए जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इन दोनों की गिरफ्तारी पर लगाई रोक को बरकरार रखते हुए आरोपियों की अग्रिम जमानत की याचिका को और बड़े बेंच को सौंप दिया है.
गिरफ्तारी पर रोक के फैसले को आगे बढ़ाते हुए जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने अग्रिम जमानत याचिका को बड़े बेंच के पास भेज दिया. कोर्ट ने कहा कि जब तक इस याचिका पर बड़े बेंच में सुनवाई नहीं होती तब तक गिरफ्तारी पर रोक जारी रहेगी.
कोर्ट में जस्टिस मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि बड़ी पीठ निजी छूट, कानून के शासन, जांच में गैर-सहयोगात्मक रवैये से संबंधित मुद्दों को लेकर अंतरिम जमानत पर फैसला लेगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने गुजरात पुलिस द्वारा सीतलवाड़ और उनके पति जावेद अहमद की गिरफ्तारी पर रोक लगाया था.
तीस्ता सीतलवाड़ पर यह है आरोप
तीस्ता पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात दंगा पीड़ितों के लिए जमा किए गए चंदे का दुरुपयोग किया. तीस्ता पर एक करोड़ 51 लाख रुपये के फंड के दुरुपयोग का आरोप है. ये पैसा दंगों से जुड़ा एक म्यूज़ियम बनाने के लिए जमा किया गया था. बताया जा रहा है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उनके मुंबई और दिल्ली के ठिकानों पर छापा मारा है. यह म्यूजियम गुलबर्ग सोसाइटी में बनना था, जहां 2002 के दंगों में 60 लोग मारे गए थे. लेकिन म्यूजियम बनाने की योजना बाद में रद्द कर दी गई. गुलबर्ग सोसाइटी के 12 लोगों का आरोप है कि तीस्ता ने फंड का गलत इस्तेमाल किया.