सर्वोच्च न्यायालय ने तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल की अंतरिम जमानत 27 जून तक बढ़ा दी है. अपनी सहकर्मी के यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी तेजपाल को को उनकी मां के निधन के कारण मरणोपरांत होने वाले संस्कारों में हिस्सा लेने के लिए जमानत दी गई है. न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर तथा न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की पीठ तेजपाल की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने पर गोवा सरकार की आपत्ति खारिज कर दी.
तेजपाल को पिछले वर्ष 7-8 नवंबर को तहलका की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अपनी कनिष्ठ सहकर्मी के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद से वे न्यायिक हिरासत में कैद हैं. उन्होंने अपनी जमानत छह सप्ताह के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया था, ताकि वह अपनी मां के निधन के बाद होने वाले संस्कारों में हिस्सा ले सकें.
सर्वोच्च न्यायालय ने 19 मई को तेजपाल को तीन सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी, ताकि वह अपनी मां के अंतिम संस्कारों में हिस्सा ले सकें. तेजपाल की अंतरिम जमानत बढ़ाने की याचिका पर गोवा के वकील के विरोध करने पर अदालत ने पूछा कि आखिर वे तेजपाल को जेल में हीं क्यों बंद रखना चाहते हैं. अदालत ने पूछा, 'आप को उनकी क्या दरकार है? आप उनसे पूछताछ कर रहे हैं?'
19 मई को जमानत मंजूर किए जाने के बावजूद तेजपाल की रिहाई में देरी करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि 'आपकी लाल फीताशाही के कारण' वे अपनी मां के अंतिम संस्कार में भी हिस्सा नहीं ले पाए. तेजपाल को रिहा करने में गोवा प्रशासन की ओर से हुई देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए न्यायमूर्ति खेहर ने कहा, 'लाल फीताशाही के कारण वे अपनी मां के अंतिम संस्कार में हिस्सा नहीं ले पाए.'
अपनी चूक छिपाते हुए वकील ने कहा कि उनकी ओर से कोई देरी नहीं हुई और अदालत से जमानत मिलने के बाद उन्होंने तुरंत ही मामले की जांच अधिकारी को फैसले की सूचना दे दी थी. गोवा के वकील ने अदालत को बताया कि जिन परंपराओं के नाम पर तेजपाल अंतरिम जमानत की मांग कर रहे हैं उसे उनके छोटे भाई भी निभा देंगे. वकील ने कहा कि तेजपाल अगली बार जमानत के लिए 'बरसी' पर आएंगे.
अंतरिम जमानत बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए गोवा के वकील ने अदालत से कहा कि तेजपाल की जमानत याचिका जुलाई के प्रथम सप्ताह में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. तेजपाल की जमानत याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने 21 अप्रैल को गोवा सरकार को नोटिस जारी किया था. यह बताने का प्रयास करते हुए कि कैद में रहते हुए तेजपाल एक सिरदर्द हैं, वकील ने कहा, 'यहां तक कि उनके जेल में भी रहते हुए हम समस्याओं का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनके पास से एक सिमकार्ड बरामद हुआ है. इस मामले में एक एफआईआर दर्ज है। जब जांच अधिकारी उनसे पूछताछ के लिए पहुंचे तो उन्होंने धमकाया.'
गोवा सरकार की आपत्तियों का निकारण करते हुए वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि तेजपाल के खिलाफ हमले का कोई आरोप नहीं है और वे नए कानून के तहत आरोपी बनाए गए हैं जो अभी (न्यायिक) जांच के अधीन है.