पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक और झटका लग चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने उस शख्स को गिरफ्तारी से राहत दे दी है जिसने नशे की हालत में रहते हुए ममता के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट किया था. कोर्ट ने गिरफ्तारी से 7 दिनों की अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है.
सोशल एक्टिविस्ट अनिर्बान दास ने नशे में रहते हुए ममता बनर्जी के खिलाफ अपमानजनक फेसबुक पोस्ट लिखी थी. मामला सामने आने के बाद अलीपुरद्वार टाउन ब्लॉक तृणमूल यूथ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के जरिए एफआईआर दर्ज की गई. जिसके बाद कोलकाता निवासी अनिर्बान दास ने अग्रिम राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
इस मामले में पश्चिम बंगाल की पुलिस ने अनिर्बान के खिलाफ मामला दर्ज किया है. वहीं दास ने अपने वकील के जरिए कोर्ट के सामने कहा है कि पुलिस राजनीतिक दबाव में काम कर रही है. जिसके कारण पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है. राज्य में वकीलों की लंबी हड़ताल के कारण दास ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
दास का कहना है 'उन्हें डर है कि उनकी आजादी खतरे में है.' उनका कहना है कि अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म करने के इरादे से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उनका आरोप है कि उनको झूठे आपराधिक मामले में फंसाया जा रहा है. वहीं दास का कहना है कि एफआईआर दर्ज करवाने वाले अलीपुरद्वार टाउन ब्लॉक तृणमूल यूथ कांग्रेस प्रेसिडेंट से वो पहले ही बिना शर्त माफी मांग चुके हैं. दास का कहना है कि उन्होंने सरकार की सामान्य आलोचना की थी. जिसके बाद पुलिस ने उन पर एफआईआर दर्ज की.
वहीं अब CJI की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कोलकाता की अदालतों में चल रही हड़ताल के कारण गिरफ्तारी से 7 दिनों की अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है.