एसिड अटैक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को तेजाब बिक्री को नियंत्रित करने के लिए नियम निर्धारित करने के लिए चार माह की अतिरिक्त मोहलत दे दी है.
शीर्ष अदालत ने इस मामले में हरियाणा सरकार की ओर से उठाये गये कदमों की खुल कर तारीफ की. कोर्ट ने हरियाणा सरकार की इस बात के लिए प्रशंसा की कि वहां तेजाब हमले की पीड़िताओं के इलाज, पुनर्वास और मुआवजे का इंतजाम 2010 से ही सुचारू रुप से चल रहा है. साथ ही अपराधी को दंडित करने का विधान भी बेहद सख्त है. कोर्ट ने तमाम राज्यों को इस संबंध में गाइडलाइंस बनाने से पहले हरियाणा मॉडल का अध्ययन करने को भी कहा.
हरियाणा सरकार की तेजाब हमले के पीड़ितों की मुफ्त चिकित्सा और पुनर्वास की नीति की योजना के बारे में भी कोर्ट ने सभी राज्यों से प्रतिक्रिया मांगी है. न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस योजना की प्रतियां सभी राज्यों और केंद्र सरकारों के मुख्य सचिवों को भेजने के लिए कहा. आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि अन्य कोई भी राज्य पीड़ितों को मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध करा रहा हो तो उसकी नीतियों की प्रतियां भी साथ में भेजी जानी चाहिए.
कोर्ट ने राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को आदेश दिया कि वो अपने राज्य के तमाम थानों को सूचित कर दें कि कहीं भी तेजाबी हमला होता है तो फौरन एसडीएम को इसकी जानकारी दें. एसडीएम के लिए ये अनिवार्य होगा कि वो फौरन इस बात की तहकीकात कर रिपोर्ट भेजे कि आखिर हमलावर ने तेजाब कहां से और कैसे खरीदा.