सुप्रीम कोर्ट ने कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लांट को हरी झंडी दे दी है. कोर्ट ने प्लांट को बंद करने की मांग को खारिज कर दिया.
गौरतलब है कि सुरक्षा का हवाला और पर्यावरण को होने वाले नुकसान का हवाला देकर कुडनकुलम प्लांट को बंद करने की याचिका दी गई थी. जिसे न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की खंडपीठ ने खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस खंडपीठ ने परियोजना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर पिछले साल दिसंबर में सुनवाई पूरी की थी.
परमाणु विरोधी कार्यकर्ताओं ने कुडनकुलम परमाणु परियोजना को सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किये जाने के आधार पर चुनौती दी थी. याचिकाओं में कहा गया था कि इस संयंत्र में सुरक्षा के बारे में विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों पर अमल नहीं किया गया है.
याचिकाओं में परमाणु कचरे के निष्पादन और इस संयंत्र का पर्यावरण पर प्रभाव से जुड़े सवाल भी उठाये गये थे. इसके अलावा इस संयंत्र के आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा का सवाल भी इसमें उठाया गया था.
केन्द्र सरकार, तमिलनाडु सरकार और न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ने संयंत्र की सुरक्षा से संबंधित सभी आरोपों को गलत बताते हुये दावा किया था कि ये संयंत्र पूरी तरह सुरक्षित है और यह किसी भी तरह की प्राकृतिक विपदा और आतंकी हमले को भी झेल सकने की स्थिति में है.