सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ बुधवार से भूमि अधिग्रहण, न्यायाधिकरणों के ढांचे सहित कई महत्वपूर्ण विषयों पर सुनवाई करेगी. इनमें यह सवाल भी शामिल है कि विधिनिर्माताओं को संसद या विधानसभा में वोट के लिए रिश्वत लेने पर अभियोजन से छूट मिलनी चाहिए या नहीं.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना शामिल हैं.
पीठ वित्त अधिनियम 2017 की धारा 156 से 189 को चुनौती से संबंधित मामले ‘मद्रास बार एसोसिएशन बनाम भारत संघ’ में सुनवाई करेगी. इन धाराओं से न्यायाधिकरणों के ढांचे और पुन: स्थापना को संशोधित किया गया है.
पीठ उच्चतम न्यायालय रजिस्ट्री द्वारा केन्द्रीय सूचना आयोग के आदेश के खिलाफ दायर अपील पर भी सुनवाई करेगी. आयोग ने आदेश में कहा है कि सूचना का अधिकार कानून 2005 के तहत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित सूचनाएं दी जानी चाहिए.
इनके अलावा, पीठ इस विषय पर भी गौर करेगी कि प्रधान न्यायाधीश का पद आरटीआई कानून के तहत आता है या नहीं. न्यायाधीश भूमि अधिग्रहण काऩून 2013 की धारा 24 से जुड़े विषय पर भी गौर करेंगे.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में इन दिनों कई ऐसे मामलों की सुनवाई जारी है, जिसपर पूरे देश की नज़र है. अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद इसमें सर्वोच्च नंबर पर है. कोर्ट में लगातार कई ऐसी याचिकाएं भी डाली जा रही हैं जो कई रिफॉर्म की ओर इशारा करती हैं.
बीते दिनों ही एक याचिका में अपील की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट में होने वाली देशहित के मामलों की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की जाए. सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका अभी विचाराधीन है.