उच्चतम न्यायालय अरुण जेटली के मानहानि मामले में आप नेता राघव चड्ढा की याचिका पर सुनवाई करेगा. उन्होंने आरोप लगाया गया था कि केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली के खिलाफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के ट्विट को रीट्वीट करने की वजह से ही उन्हें आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है.
अरुण जेटली पर लगाया आरोप
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अमिताव राय और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता राघव चड्ढा के इस अनुरोध पर विचार किया कि उनकी याचिका पर शीघ्र सुनवाई की जाए. राघव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने आरोप लगाया कि आप नेता को सिर्फ इसलिए आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि उसने मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के कुछ कथित आपत्तिजनक ट्विट रीट्वीट किए थे. उनका कहना था कि यह मानहानि का मामला नहीं बनता है.
अरुण जेटली भ्रष्ट आचरण में संलिप्त
इस पर पीठ ने कहा कि हम सोमवार को सुनवाई करेंगे. केजरीवाल और आप पार्टी के राघव चड्ढा, कुमार विास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक बाजपेयी भी आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे हैं. इन सभी ने दावा किया था कि अरुण जेटली दिल्ली एवं जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर 2000 से 2013 तक के कार्यकाल के दौरान कथित रूप से भ्रष्ट आचरण में संलिप्त थे.
झूठे बयान देकर प्रतिष्ठा को पहुंचाया नुकसान
जेटली ने आप नेताओं द्वारा दिसंबर, 2015 में लगाए गए इन आरोपों से इंकार करते हुए इन सभी के खिलाफ दस करोड़ रूपये का दीवानी मानहानि का मुकदमा भी दायर किया. उन्होंने दावा किया कि इन्होंने डीडीसीए से संबधित मामले में झूठे और मानहानिकारक बयान देकर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.